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बांधवगढ़ जंगल से सटे इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जंगली जानवरों का मूवमेंट बढ़ा है। इसी बीच शहडोल सर्किल के सीसीएफ अजय पांडेय ने बताया कि बफर और कोर जोन से लगे इलाकों में 100 से अधिक जंगली जानवरों का मूवमेंट बना हुआ है।
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इनमें बाघ और तेंदुआ भी शामिल हैं। शहडोल और उमरिया जिले के इलाकों में ये जंगली जानवर चहलकदमी कर रहे हैं। इसी कारण क्षेत्र में बाघ या तेंदुए दिखने की खबर आती रहती है। क्षेत्र में इतनी संख्या में बाघ और तेंदुओं के मूवमेंट की जानकारी रविवार को शहडोल सीसीएफ ने दी है।
बफर जोन में पास ज्यादा मूवमेंट
सीसीएफ अजय पांडेय ने बताया कि बांधवगढ़ के बफर जोन से सटे इलाकों में जंगली जानवरों का मूवमेंट तेज हुआ है। इसकी जानकारी पीसीसीएफ समेत वाइल्ड लाइफ को भी दी गई है। बफर जोन से जंगली जानवर निकल कर गांव की तरफ आ जाते हैं। जिस कारण दहशत का माहौल रहता है।
प्रभावित क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई है
बांधवगढ़ से लगे क्षेत्र में वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा ब्यौहारी क्षेत्र प्रभावित है। जिसको देखते हुए बफर जोन से लगे इलाकों में तीन गश्त दल बनाए गए हैं। ये टीम प्रभावित और संभावित गांवों में निगरानी बनाए हुए है। यहां दिन रात वनकर्मी गश्त में लगे हैं।
वन कर्मचारी अलर्ट मोड पर रहे
सीसीएफ ने सर्किल के सभी मैदानी कर्मचारियों से कहा कि बफर जोन से लगे इलाकों में अलर्ट मोड पर रहें। जंगली जानवर बफर जोन से ही निकलकर गांवों तक पहुंच रहे हैं। इनके अलावा सामान्य जंगल में जिन जंगली जानवरों का मूवमेंट है उसको देखते हुए भी कर्मचारी गश्त बढ़ाएं।
जोन के बाहर हैं कई बाघ और तेंदुआ
सीसीएफ पांडेय ने बताया कि बांधवगढ़ के कोर और बफर जोन के बाहर कई बाघ और तेंदुआ हैं। जिनकी गिनती बांधवगढ़ के अंदर नहीं होती। इन जंगली जानवरों की गिनती मेटा पॉपुलेशन में होती है। गांवों और रहवासी क्षेत्र में जो बाघ और तेंदुआ घूम रहे हैं वो बीटीआर के बाहर रहने वाले हैं।
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