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नर्मदापुरम में 7 दिसंबर को होने वाली अगली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के पहले प्रदेश सरकार इस कॉन्क्लेव की हाइलाइट रहने वाले रिन्युएबल एनर्जी पार्क का क्षेत्रफल बढ़ा सकती है। मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने नर्मदापुरम के मोहासा में प्रदेश के पहले रिन
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इसे बढ़ाकर 441 एकड़ करने का मसौदा तैयार हो चुका है। कॉन्क्लेव से पहले कैबिनेट से इसकी मंजूरी होने की पूरी संभावना है। ऐसा होने पर यहां 15 से ज्यादा उद्योग लग सकेंगे। इसी बदलाव के चलते पार्क में सस्ती बिजली देने के लिए बनाए जाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का काम भी शुरू नहीं किया है।
यहां सोलर मॉड्यूल, विंड टनल और बैटरी बनाने वाले उद्योगों को 4.35 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली देने के लिए एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन) ने विद्युत नियामक आयोग में पिटीशन लगाई थी, यह 227 एकड़ के लिए थी।
पार्क का क्षेत्रफल बढ़ाने की मंजूरी मिलने पर 441 एकड़ में सस्ती बिजली देने की रिवाइज्ड पिटीशन नियामक आयोग में लगाकर लाइसेंस लिया जाएगा। इस पार्क में रियायती दरों पर बिजली देने के लिए एमपीआईडीसी खुद बिजली सप्लाई करेगा, जिसके लिए नियामक आयोग से अनुमति के बाद लाइसेंस मिलेगा।
सभी उपकरणों के उद्योग पर जोर
पार्क में 25 हजार करोड़ के निवेश की गुंजाइश है, जिससे करीब 25 हजार लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। एमपीआईडीसी ने यहां उद्योग लगाने के लिए आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग के अफसरों के मुताबिक किसी एक उद्योग के लिए बड़ी जमीन देने के बजाय विंड, सोलर, बैटरी सभी के उपकरणों की इंडस्ट्री लगे, इस पर जोर रहेगा।
टेस्टिंग के लिए 3 सेंटर बनेंगे
उपकरणों की टेस्टिंग के लिए केंद्र सरकार 3 सेंटर बनाएगी। सोलर पीवी मॉड्यूल टेस्टिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी, विंड टनल कैलिब्रेशन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी और बैटरी टेक्नालॉजी टेस्टिंग के लिए सेंट्रल पॉवर रिसर्च इंस्टीट्यूट सेवाएं देगा। तीनों सेंटर की ड्राइंग, डिजाइन बन चुकी है।
एक रुपए के टोकन पर जमीन आवंटन
बिजली ही नहीं पार्क में रिन्युएबल एनर्जी के उद्योगों को जमीन और पानी भी सस्ता मिलेगा। 1 रुपए के टोकन पर जमीन आवंटित होगी। लीज रेंट 1 रुपए वर्गमीटर सालाना और विकास शुल्क 20 रुपए प्रति वर्गमीटर सालाना तय किया गया है। पानी भी 25 रुपए प्रति किलोलीटर मिलेगा।
जमीन को जोड़ने का प्रस्ताव भेजा
^रिन्युएबल एनर्जी एक्यूपमेंट मैन्युफेक्चरिंग जोन अभी 227 एकड़ का है। इससे लगी लगभग 214 एकड़ जमीन को इसमें जोड़ने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही इसकी मंजूरी होने की संभावना है। -महेंद्र वर्मा, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एमपीआईडीसी
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