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इंदौर नगर निगम द्वारा संचालित खजूरी ग्राम गौशाला में शनिवार को गोपाष्टमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में इंदौर मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि
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मैं चाहता हूं कि इंदौरवासी अपने घर के उत्सव यहां आकर मनाएं, चाहे वह शादी हो, जन्मदिन हो या कोई खास पर्व। इसके लिए विशेष योजना तैयार की गई है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी
गौशाला की स्थिति में सुधार लेकिन और काम करने की जरूरत
मेयर भार्गव ने बताया कि गोशाला की स्थिति में पहले और अब में जो सुधार है। इसमें अभी और कार्य करने की जरूरत है, जो लगातार जारी है। पिछले दो साल से आज के दिन का इंतजार था। दो साल पहले यहां की स्थिति देखकर मन दुखी हुआ था और तभी संकल्प लिया गया था कि इस गौशाला को आदर्श गौशाला बनाएंगे।
मेयर ने गौशाला में विशेष पूजा अर्चना भी की। इस मौके पर शहर के प्रबुद्ध नागरिक,जनप्रतिनिधि और गणमान्य भी उपस्थित हुए। सभी ने गौशाला का निरीक्षण किया और विकास कार्यों की जानकारी के साथ गौ पूजन भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते मेयर पुष्यमित्र भार्गव।
गाय जो खाती है, उसे समाज को देती है
सोलर गांधी के रूप में देश में चर्चित चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि गौ माता का जीवन पर्यावरण की दृष्टि से और मानव जीवन से अलग होता है। गौ माता का जीवन जन्म से मृत्यु तक न्यूट्रल होता है। वह जो खाती हैं, समाज को दे देती हैं, जिसका उपयोग समाज करता है। मानव जीवन में ऐसा नहीं है, वह सभी चीजों का उपभोग करता है। आज गोपाष्टमी पर यही संकल्प लें कि जैसे गौ माता न्यूट्रल हैं यानी जो लेती हैं, उससे ज्यादा समाज को देती हैं, हम भी पर्यावरण के लिए ऐसा ही कुछ करें।
अक्षय कांति बम ने कहा कि जब भी घर में खाना बनता है तो पहली रोटी गाय के लिए निकाली जाती है, जिससे घर में अन्नपूर्णा का वास होता है। आज नगर निगम और इंदौर अव्वल हैं, क्योंकि निगम ने गौशाला का जो जीर्णोद्धार किया है, उसका प्रतिफल सामने है।
गौशाला में करीब 800 गाय हैं।
20 किमी दूर 800 गायों वाली गौशाला
गौरतलब है कि शहर से 20 किलोमीटर दूर गौशाला का संचालन किया जा रहा है। यहां करीब 800 से ज्यादा गायों को रखने की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की गई है। समय-समय पर आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है।
इस दौरान जो आवारा पशु नगर निगम की टीम को मिलते हैं, उन्हें गौशाला में रखा जाता है। यह गौशाला एक बड़े क्षेत्र में फैली है, जिसमें गायों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
गौशाला में गायों के खानपान का यहां विशेष ध्यान रखा जाता है। आधुनिक मशीनों की मदद से सुबह गायों को हरा चारा दिया जाता है और दोपहर में उन्हें भूसा खिलाया जाता है, जिसमें खली, चापड़, और अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। इस गौशाला में उन्हीं गायों को रखा जाता है, जिन्हें इंदौर में गौ-पालकों द्वारा आवारा छोड़ा गया होता है।
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