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जानकारी देते नृपेंद्र मिश्र
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक चौथे दिन शनिवार को भी जारी है। चौथे दिन की बैठक से पहले नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि परकोटे का निर्माण कार्य सबसे चुनौतीपूर्ण है। मंदिर निर्माण में सबसे ज्यादा खर्च परकोटे के निर्माण में हो रहा है।
मंदिर के निर्माण में लगभग 600 करोड़ रुपये तो परकोटे में 800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। मंदिर के परकोटे में सबसे ज्यादा कार्य है। निर्माण सामग्री का भी, मजदूर का भी और धनराशि का भी। मंदिर के निर्माण में लगभग 600 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है।
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वहीं परकोटे के निर्माण में लगभग 800 करोड़ खर्च हो रहे हैं। क्योंकि, परकोटे में मंदिर से दोगुना पत्थर लग रहा है। राम मंदिर परिसर में बन रहे सप्त मंदिर की समीक्षा की गई है। शेषावतार मंदिर के भी निर्माण की समीक्षा की गई है। परिसर में बन रहे सभागार, विश्राम गृह और ट्रस्ट का प्रशासनिक कार्यालय इन सभी का टेंडर जारी हो चुका है।
सितंबर 2025 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा होगा
इन सभी का निर्माण 20 नवंबर से शुरू हो जाएगा। निर्माण में जो भी तकनीकी चुनौती थी। उसको पूरा किया गया है। राम मंदिर निर्माण पूरा करने का जो लक्ष्य रखा गया था, उसमें तीन माह और लग रहे हैं। यानी कि सितंबर 2025 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा होगा।
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