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आष्टा ब्लॉक के कोठरी में वीआईटी भोपाल के नाम से संचालित प्राइवेट यूनिवर्सिटी के घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल ने चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। भोपाल के हमीदिया कॉलेज के प्रोफेसर अनिल शिवानी को इसका अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि इंदौर की देवी अहिल्या यूनिव
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स्पाई कैमरे लगाकर छात्राओं के वीडियो बनाए
दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल के नाम 15 मांगों का ज्ञापन सौंपा है, जिसमें वीआईटी प्रबंधन पर कई गंभीर लगाए गए हैं। परिषद के नेताओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी के छात्रावास में स्पाई कैमरे लगाकर छात्राओं के वीडियो बनाए गए और फिर उन्हें छात्रों के बीच वायरल कर दिए गए। 74 छात्रों ने जब इसकी शिकायत प्रबंधन से की तो उलटा उन्हें ही सस्पेंड कर दिया गया। कुछ छात्रों को टीसी थमा दी गई, उन्हें शैक्षणिक सत्र के बीच में ही घर बैठा दिया गया।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं और गार्ड्स में मारपीट
विद्यार्थी परिषद ने जब सभी छात्रों की बहाली करने के लिए प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना प्रदर्शन किया गया, लेकिन इस बीच यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड्स ने मारपीट की, जिसमें दोनों तरफ से लोग घायल हुए थे। पुलिस ने भी दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया था। इसके बाद विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल मंगु भाई पटेल के नाम ज्ञापन दिया था, जिसके बाद यह जांच कमेटी बनाई गई।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
वीआईटी में पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं है। छात्रों को पानी बाहर से खरीदना पड़ता है और विरोध करने पर उन्हें धमकाकर सस्पेंड कर दिया जाता है। कई बार अत्यधिक पेनल्टी लगाई जाती है। वीआईटी विश्वविद्यालय में छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। हनुमान चालीसा पढ़ने पर छात्रों पर जुर्माना लगाया जाता है और धमकाया जाता है। उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है, जो व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है।
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