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रायसेन में गुरुवार को महापर्व छठ आस्था के साथ मनाया गया। आज छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने मिश्र तालाब के घाट पर सूर्य देव की पूजा की और उन्हें अर्घ्य दिया। इस दौरान महिलाओं ने छठी मैया के गीत भी गाए।
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गन्ने का मंडप बनाकर पूरे विधि-विधान पंडित रमेश तिवारी ने पूजा-अर्चना कराई। उसके बाद डूबते सूरज को अर्घ्य दिया। महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया और छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। वहीं, बच्चों ने आतिशबाजी की।
सोमवार को नहाय-खाय की रस्म के साथ व्रत शुरू हुआ था। बुधवार को खरना की रस्म के बाद शाम से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ। इस कठिन व्रत के लिए समाज के लोगों ने पहले से तैयारियां की हैं। जिले में रायसेन के अलावा मंडीदीप सहित बरेली नगर रहने वाले बिहार और पूर्वांचल के लोग इस चार दिवसीय व्रत को महोत्सव के रूप में मनाते हैं। छठ महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। कल उगते सूरज का अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन होगा।
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