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ये है उज्जैन-इंदौर शहर को सीधे जोड़ने वाला इंदौर-उज्जैन फोरलेन। टोल प्लाजा पर टोल वसूली तो की जा रही है पर वाहन चालक गड्ढे भरी सड़क पर से गुजरने को मजबूर है। सड़क पर क्रेक हो गए हैं, सरफेस उखड़ गया है और सड़क की सतह नीचे बैठ गई है। उज्जैन से टोल तक 10 किमी में ही 76 गड्ढे हैं। इनसे बचने के चक्कर में दुर्घटनाएं भी हो रही है।
उज्जैन-इंदौर फोरलेन का निर्माण वर्ष 2011-12 में बीओटी के तहत किया गया था। नियमानुसार वाहन चालकों से टोल टैक्स लेकर सड़क का रखरखाव करना होता है। यह सड़क मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के अधीन हैं। इस पर दोनों तरफ यानी उज्जैन से इंदौर जाते समय व इंदौर से उज्जैन लौटते समय वाहन चालकों से टोल टैक्स भी एमपीआरडीसी ही वसूल रही है। टोल प्लाजा पर पांच श्रेणी के वाहनों से 35 रुपए से लेकर 435 रुपए तक लिए जा रहे हैं, जिसमें कार से लेकर ट्रक-बस शामिल हैं। उज्जैन टोल से प्रतिदिन करीब 10 हजार वाहन गुजरते हैं। इनसे करीब 12.50 लाख रुपए की वसूली की जाती है। वहीं मेंटेनेंस पर लगभग 10-11 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।
बारिश में सड़क खराब हो गई। मानसून िवदाई के करीब एक माह बाद भी सड़क का मेंटेनेंस कार्य नहीं किया जा रहा है। वीआईपी और वीवीआईपी आगमन के दौरान एमपीआरडीसी ने उज्जैन में इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे से हरिफाटक मार्ग तक के तो गड्ढे भर दिए लेकिन बाकी की सड़क छोड़ दी, जो कि ओर खराब हो गई है। ऐसे में वाहन चालकों को गड्ढे भरी सड़क से आना-जाना पड़ रहा है। अब इस सड़क को सिक्स लेन में बदला जाना है। वाहन कार एलसीवी बस ट्रक म.एक्सेल ट्रक टोल राशि 35 90 180 220 435 वाहन चालकों का कहना है कि सड़क का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है तो टोल वसूली क्यों की जा रही है, इसे बंद किया जाना चाहिए। टोल वसूली की जा रही है तो वाहन चालकों को गड्ढे मुक्त सड़क की सुविधा मिलना चाहिए। नहीं तो वाहन चालकों से टोल वसूली अवैधानिक की श्रेणी में आता है। इसमें टोल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। पूर्व में ठेका कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है।
सड़क का मेंटेनेंस नहीं तो टोल वसूली कैसी?
कहां-कितनी खराब सड़क, सर्वे कर सुधार होगा ^इंदौर-उज्जैन फोरलेन कहां कितनी खराब हुई है, इसका सर्वे कार्य करवाया जाकर सड़क सुधार कार्य करवाया जाएगा। एसआर अहिरवार, सहायक महाप्रबंधक एमपीआरडीसी
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