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मध्यप्रदेश में हवा के रुख से ठंड बढ़ेगी। अभी उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही है। जब ये उत्तर-पश्चिमी चलने लगेगी और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब टेम्प्रेचर में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। हवाओं का
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अभी हिल स्टेशन पचमढ़ी और अमरकंटक सबसे ठंडे है। पचमढ़ी में टेम्प्रेचर 11.2 डिग्री पर पहुंच गया है। प्रदेश में 6 शहरों का तापमान 15° से नीचे पहुंच गया है।
मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया
15 नवंबर से ठंड का असर तेज हो सकता है। पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। एक सप्ताह तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। दिन में पारा 30 डिग्री से ज्यादा रहेगा, जबकि रात में पारा 12 से 20 डिग्री के बीच बना रहेगा।
अभी ये शहर सबसे ठंडे मौसम विभाग के अनुसार, अभी नर्मदापुरम, अनूपपुर जिले सबसे ठंडे हैं। मंगलवार-बुधवार की रात में पचमढ़ी में पारा 11.2 डिग्री और अमरकंटक में 13.1 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला, शाजापुर, सीहोर और शहडोल ऐसे जिले हैं, जहां पारा 15 डिग्री से नीचे है। भोपाल, नौगांव, छिंदवाड़ा, बैतूल, रायसेन, राजगढ़, मलाजखंड, उमरिया, जबलपुर, टीकमगढ़, सिवनी, खंडवा, उज्जैन, खरगोन, रीवा, धार, खजुराहो और ग्वालियर में पारा 18 डिग्री से कम रहा।
दिन में भी पचमढ़ी सबसे ठंडा पचमढ़ी रात के साथ दिन में भी सबसे ठंडा है। बुधवार को यहां दिन का तापमान 26.8 डिग्री दर्ज किया गया। बैतूल, नौगांव और मलाजखंड में तापमान 30 डिग्री के नीचे रहा। बाकी शहरों में इससे अधिक दर्ज किया गया।
नवंबर के पहले सप्ताह में ऐसा ही ट्रेंड मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में बर्फबारी होने के बाद पूरा मध्यप्रदेश ठिठुरने लगता है। इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आ सकती है। जिससे ठंड का असर और भी बढ़ जाएगा। पिछले 10 साल से यही ट्रेंड है।
इस महीने ऐसा रहता है प्रदेश का मौसम दक्षिण-पश्चिम मानसून के समाप्त होने के बाद मौसम सामान्यत: शांत होता है, लेकिन आसमान बादलों से घिरा रहता है। अक्टूबर की तरह उमस महसूस नहीं होती है। वहीं, रात के पारे में गिरावट आने लगती है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से ग्वालियर, चंबल, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई संभागों में हल्की बारिश हो जाती है। दिन में पारा 30 डिग्री और रात में 15 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है।
दतिया में दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 17 डिग्री के आसपास है। इसके चलते सुबह और शाम के समय धुंध छा रही है।
5 बड़े शहरों में नवंबर का ट्रेंड…
भोपाल में गर्मी, ठंड और सर्दी का ट्रेंड नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
इंदौर में ठंड का असर इंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है।
जबलपुर में 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
उज्जैन में न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच रहता है यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
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