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मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बैठक ली।
रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के कार्यों को गुणवत्ता के साथ तय समय-सीमा में पूर्ण करना है। इसके लिए संबंधित एजेंसी एवं बिजली अधिकारी मुस्तैदी दिखाएं। योजना का लाभ बिजली कंपनी एवं उपभोक्ताओं को समय पर दिया जाना है। इस संबंध में लापरवाही
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बुधवार को पोलोग्राउंड बिजली मुख्यालय में मीटिंग में रजनी सिंह ने कहा कि इंदौर, उज्जैन सहित कंपनी क्षेत्र के सभी जिलों में आरडीएसएस के तहत ग्रिड, केबल, ट्रांसफॉर्मर, लाइन, केपेसिटर, पावर ट्रांसफॉर्मर इत्यादि के कार्य गुणवत्ता के साथ हो। कृषि क्षेत्र के जिन इलाकों में ग्रिडों, लाइनों के कार्य अंतिम चरण में है, वहां कार्य एक दो सप्ताह में पूर्ण करने के हरसंभव प्रयास किए जाए।
अब तक 45 ग्रिडों का कार्य पूर्ण कर बिजली वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। हजारों किमी नई लाइनें डाल दी गई है। सैकड़ों केपिसिटर बैंक लगा दिए गए हैं, इससे कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से बिजली वितरण सुविधाओं का विस्तार हुआ है।
बुधवार को पोलो ग्राउंड बिजली मुख्यालय में हुई मीटिंग।
सिंहस्थ में बिजली व्यवस्था के लिए 62 करोड़ के कार्यों की तैयारी
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सिंहस्थ 2028 की तैयारी कर रही है। स्थायी प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को भोपाल से मंजूरी मिल गई है, इनकी वृत्त स्तरों पर तत्काल ही तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई हैं।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक सिंह ने बताया कि करीब 30 करोड़ की लागत से उज्जैन व आसपास 33/11 केवी के चार अत्याधुनिक बिजली ग्रिड बनेंगे। यह ग्रिड नानाखेड़ा इंदौर रोड स्टेडियम के पास, चारधाम मंदिर महाकाल लोक के पास, सदावल उज्जरखेड़ा हनुमान मंदिर के पास, वाल्मीकि धाम क्षेत्र में बनेंगे। इसी तरह 18.36 करोड़ से 11 केवी लाइन एवं इंटर कनेक्शन व नवीन उप केंद्र से संबंधित 80 किमी लाइनों का कार्य होगा। 4.50 करोड़ से 33 केवी लाइन एवं इंटर कनेक्शन, नवीन उप केंद्र से संबंधित 10 किमी लाइन का कार्य होगा।
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