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मध्य प्रदेश में विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे 20 हजार से अधिक अंशकालीन कर्मचारी और सफाईकर्मी मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर 17 नवंबर को नीलम पार्क में धरना देंगे। मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ की मंगलवार को हुई बैठक में धरना देने का निर्णय
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संघ के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने बताया कि ये कर्मचारी अंशकालीन या पूर्णकालीन कर्मचारी के रूप में जनजातीय कार्य विभाग के हॉस्टल, स्वास्थ्य केंद्रों, पशुपालन विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा, जनसंपर्क सहित अन्य विभागों में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों का मानदेय वर्ष 2018 में 1000 रुपए बढ़ाकर 5000 रुपए किया गया था। उन्होंने कहा कि महाधिवेशन में इन कर्मचारियों की मांगें पूरी करने का अनुरोध किया गया था, जो नहीं हुआ है। इसलिए अब धरना देना पड़ रहा है।
शर्मा कहते हैं कि कई अंशकालीन कर्मचारी 25 और 30 वर्ष से सेवा दे रहे हैं, लेकिन उनको केवल 5000 रुपए ही मानदेय मिल रहा है। आज की महंगाई में इतनी राशि से जीवन नहीं चलाया जा सकता है। ये परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। परिवार के बच्चों की शिक्षा नहीं हो पा रही है। संघ की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में मार्गदर्शक निहाल सिंह जाट, महामंत्री गौरी शंकर मालवीय, राजेंद्र बहादुर सिंह, धर्मेंद्र शर्मा, उप प्रांताध्यक्ष राम कुंडल सेन, कैलाश लाल, प्रांतीय सचिव दिनकर राव, बड़े लाल तिवारी, प्रवीण सिंह तोमर, निर्णय समिति के अध्यक्ष मांगीलाल तमोली, स्वास्थ्य समिति भोपाल के अध्यक्ष पंकज संगत एवं कोषाध्यक्ष कमलेश पटेल उपस्थित रहे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें …
- 7 वर्ष पूर्ण करने वाले अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक का दर्जा दिया जाए।
- कर्मचारियों के आश्रित परिवार को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
- सेवानिवृत्ति पर कम से कम 5 लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाए।
- स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
- 10 वर्ष की सेवा के बाद स्थाई कर्मी का दर्जा दिया जाए।
- मृत कर्मचारियों के परिजनों को शासकीय कर्मचारियों की समान 50 हजार रुपए उपादान राशि दी जाए।
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