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राज्य की भजनलाल सरकार ने शिक्षा विभाग में एक और बड़ा बदलाव किया है। इसके मुताबिक अब कक्षा 9 से 12वीं तक की सभी परीक्षाएं जिला स्तरीय न होकर प्रदेश स्तरीय होंगी। अब तक जिला समान परीक्षा व्यवस्था के तहत इन परीक्षाओं का पेपर मॉडरेशन जिला स्तर पर ही होता
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नई व्यवस्था के तहत अब पेपर बीकानेर निदेशालय से आएंगे। मॉडरेशन भी वहीं से होगा। पेपर छपाई, टेंडर आदि कार्य भी प्रदेश स्तर पर ही होंगे। यानी पेपर आदि में जिलों की भूमिका खत्म कर दी गई है। हालांकि परीक्षाएं जिला स्तर पर ही होंगी। यह व्यवस्था दिसंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से लागू होगी।
स्कूलों को शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट करना होगा डाटा
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने 4 नवंबर को देर शाम आदेश जारी किए थे। उन्होंने अपने आदेश में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की छात्रों की संख्या मांगी। यह काम 7 नवंबर तक करने को कहा गया है। डीईओ माध्यमिक लोकेश भारती ने बताया कि सभी संस्था प्रधानों को पोर्टल पर कक्षा 9 से 12 तक की छात्र संख्या अपडेट करनी होगी। बता दें कि उदयपुर में कक्षा 9 से 12वीं तक 1 लाख 40 हजार 935 विद्यार्थी हैं। यहां माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के 829 सरकारी स्कूल हैं। प्रदेश में करीब 22 हजार उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय हैं।
विभाग ने जिला समान परीक्षा समिति भी खत्म की शिक्षा विभाग ने जिला समान परीक्षा व्यवस्था के साथ इससे जुड़ी समिति को भी खत्म कर दिया है। जिले में गुरु गोविंदसिंह स्कूल की अगुवाई में जिला समान परीक्षा व्यवस्था होती आई है। अब इनके अधिकार भी खत्म कर दिए हैं। डीईओ के मुताबिक प्रदेश स्तरीय समान परीक्षा व्यवस्था में स्थानीय स्तर पर किसी को जिम्मेदारी देने का औचित्य नहीं है।
पहली बार निजी स्कूलों में भी सरकारी पेपर की संभावना निदेशालय ने आदेश में निजी स्कूलों से भी छात्र संख्या मांगी है। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश समान परीक्षा व्यवस्था में निजी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि इसे लेकर न तो सरकार ने खुलकर कुछ कहा है और न ही निदेशालय ने स्पष्ट किया है। निजी स्कूलों में भी कक्षा 9 से 12वीं तक की परीक्षाओं में सरकारी पेपर काम लिए जा सकते हैं। निजी स्कूलों में बोर्ड को छोड़कर बाकी सभी परीक्षा के पेपर स्कूल स्तर पर ही तैयार होते हैं।
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