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रियल एस्टेट कारोबारी एमआई बिल्डर्स के ठिकानों पर छापे में मिले संदिग्ध दस्तावेजों की आयकर विभाग ने जांच शुरू कर दी है। आयकर विभाग की जांच इकाई के अधिकारी पहले बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं ताकि उन्हें खरीदने वालों को नोटिस देकर तलब किया जा सके। सूत्रों की मानें तो एमआई बिल्डर्स के संचालक मो. कादिर अली व उनका बेटा और पूर्व आईएएस राकेश बहादुर आयकर विभाग के रडार पर हैं।
आयकर विभाग ने बीती 23 अक्तूबर को एमआई बिल्डर्स के लखनऊ और नोएडा स्थित डेढ़ दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। साथ ही उन्हें भवन निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले वेंडरो के ठिकानों को भी खंगाला था। छह दिन तक छापे की कार्रवाई के दौरान करीब 2000 संपत्तियों की रजिस्ट्री के दस्तावेज मिले थे। इनमें करीब 150 संपत्तियां बेनामी होने की आशंका जताई जा रही है।
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आयकर विभाग को शक है कि ये संपत्तियां राजनेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक सेवा के अधिकारियों की हैं जिससे प्राथमिकता के आधार पर उनकी जांच हो रही है। छापों के दौरान मो. कादिर अली आयकर विभाग के अधिकारियों को गुमराह करते रहे, जबकि उनके बेटे ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
32 साल पहले भी पड़ चुका है छापा
सूत्रों के मुताबिक एमआई बिल्डर्स के ठिकानों पर 32 साल पहले भी छापा मारा गया था। उस दौरान करीब एक करोड़ रुपये की कर चोरी के प्रमाण मिले थे। हालिया छापों में एमआई बिल्डर्स द्वारा बड़े पैमाने पर कर चोरी अंजाम देने, अरबों रुपये का लेनदेन नकद करने और बिना भुगतान हासिल किए कई संपत्तियों को बेचने के पुख्ता सुराग मिले हैं। इनमें से तमाम संपत्तियों के तार पूर्व आईएएस राकेश बहादुर से भी जुड़ रहे हैं। आयकर विभाग जल्द ही कादिर अली और राकेश बहादुर को तलब कर पूछताछ करने की तैयारी में है।
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