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झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से 8 दिन पहले CBI ने मंगलवार सुबह करीब 11 बजे बड़ी कार्रवाई की है। 1200 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इसमें झारखंड के 3 जिले साहिबगंज,
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सूचना है कि CBI ने छापेमारी के दौरान अलग-अलग जगहों से 30 लाख रुपए जब्त किए हैं। एजेंसी ने जिन लोगों के यहां रेड मारी है, वे सभी पंकज मिश्रा के करीबी बताए जाते हैं। मिश्रा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं।
मामूली शिकायत पर जांच हुई तो 12 सौ करोड़ का घोटाला उजागर हुआ
साहेबगंज में हुए 12 सौ करोड़ रुपए से अधिक के अवैध खनन मामले की शुरुआत मामूली से एक शिकायत से हुई थी। दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन चल रहा था। इसके कारण यहां के ग्रामीणों के घरों में दरारें पड़ने लगी थी। इससे तंग आकर 2 मई 2022 को ग्रामीण अवैध खनन बंद कराने वहां पहुंचे, जिसे खनन में शामिल लोगों के शागिर्दों ने वहां से खदेड़ दिया।
आखिर में ग्रामीण विजय हांसदा ने साहिबगंज के एसटी एससी थाने में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उनके सहयोगी विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव व सुभाष यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
इस एफआईआर के आधार पर ED ने 8 जुलाई 2022 को साहिबगंज के तकरीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें एक नाम बरहेट विधायक सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का भी था। इस छापेमारी में कई पत्थर व्यवसायी के घर से ईडी को कई अहम सुराग हाथ लगे।
पंकज मिश्रा पर क्या हैं आरोप
पंकज मिश्रा पर कई तरह के आरोप हैं। उस पर साहेबगंज में 12 सौ करोड़ रुपए से अधिक की अवैध माइनिंग, उससे हुई अवैध कमाई के अतिरिक्त टेंडर मैनेज करने का भी आरोप लगा है। ED ने उसे अवैध माइनिंग और अवैध कमाई मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ही मामले में ईडी ने आरोप अदालत में आरोप गठित कर दिए हैं। अवैध खनन के आरोपी पंकज मिश्रा को झारखंड हाईकोर्ट ने 21 अक्तूबर को जमानत दी थी। ED ने 10 घंटे की लगातार पूछताछ के बाद 19 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था।
ED ने चार्जशीट में क्या कहा जानिए…
झारखंड और बिहार में अवैध खनन और जबरन वसूली से संबंधित मनी लॉड्रिंग मामले में ED ने CM हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश के खिलाफ रांची की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की है। इसमें ED ने कहा कि जांच के दौरान अलग-अलग तारीखों को पूरे देश के 47 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इसमें 5.34 करोड़ रुपये नकद, 13.32 करोड़ रुपये की बैंक राशि, एक नाव, 5 स्टोन क्रशर, दो ट्रक, दो AK-47, असॉल्ट राइफल के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
जांच से पता चला कि मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि होने के नाते मिश्रा अपने सहयोगियों के माध्यम से साहेबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन व्यवसायियों के साथ-साथ बॉर्डर पार जाने वाली नाव सेवाओं को नियंत्रित करता था।
ED अधिकारी ने कहा, “वह स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ साहेबगंज में कई खनन स्थलों पर स्थापित क्रशरों के संचालन पर नियंत्रण रखता है। अवैध तरीके से कमाई कर मिश्रा ने 42 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है।”
खबर अपडेट हो रही है…
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1000 करोड़ के अवैध खनन का मामले की शुरुआत मामूली से एक शिकायत से हुई थी। दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन चल रहा था। इसके कारण यहां के ग्रामीणों के घरों में दरारें पड़ने लगी थी। इससे तंग आकर 2 मई 2022 को ग्रामीणों ने अवैध खनन बंद कराने वहां पहुंचे, जिसे खनन में शामिल लोगों के शागिर्दों ने वहां से खदेड़ दिया। आखिर में ग्रामीण विजय हांसदा ने साहिबगंज के एसटी एससी थाने में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उनके सहयोगी विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव व सुभाष यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पढ़ें पूरी खबर
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