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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 29 अक्टूबर को एक सीक्रेट मिशन के तहत देश का 102 टन सोना इंग्लैड से भारत ले आया है. इस पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने बंटवारे का एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि जब हिंदू और सिख पाकिस्तान छोड़कर आए थे तो वह अपने घरों में सोना दबाकर आए थे. उन्होंने बताया कि बाद में लोगों को बड़-बड़े बर्तनों में यह गोल्ड मिला था और इस तरह की कई कहानियां पाकिस्तान में आज भी मशहूर हैं.
कमर चीमा ने बताया कि अपना गांव वालों से उन्होंन ये कहानियां खूब सुनी हैं कि जिन इलाकों में हिंदू और सिख रहते थे, वहां भर-भर कर लोगों को सोना मिला. उन्होंने कहा, ‘जब अक्सर मैं अपने गांव के लोगों से बंटवारे की कहानियां सुनता हूं तो उनमें बताया जाता है कि पाकिस्तान में जहां-जहां से लोग भारत माइग्रेट करके गए. पाकिस्तान के अंदर से जब हिंदू और सिख जब वहां से निकले तो उनके घरों और बिल्डिंग के नीचे गोल्ड होता था.’
कमर चीमा ने कहा, ‘हमने सुना कि बड़े-बड़े बर्तनों के अंदर सोना पड़ा होता था. कई लोगों ने बताया कि उन्हें ये सब चीजें मिलीं और मैंने इस तरह की कई कहानियां सुनी हुई हैं.’
इंग्लैंड से लाए गए 102 टन सोने के बारे में पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि जो भारतीय रिजर्व बैंक है वह ब्रिटेन से 102 टन सोना लेकर आया है और भारत ने उसे बैंक ऑफ इंग्लैंड की सेफ कस्टडी में रखा हुआ था. ये एक सीक्रेट मिशन था, जिसके लिए जहाज चार्टर किए गए, सिक्योरिटी फुलप्रूफ थी, इंडिया ने अपने कस्टम लॉ बदले, इनकम टैक्स के कानून बदले.
उन्होंने कहा कि मिशन के लिए सिक्योरिटी मेयर्स बड़े हाई थे, स्पेशलाइज्ड एयर क्राफ्ट्स थे, सिक्योरिटी प्रोटोकॉल थे. इससे पहले भी मई में आरबीआई 100 टन सोना लेकर आया था. उन्होंने कहा कि ऐसा बताया गया कि भारत ने 1990 से बड़ी सिग्निफिकेंट रिपेट्रिएशन की हुई है. अब कहा जा रहा है कि यह सोना भारत के अंदर मुंबई और नागपुर में स्टोर कर दिया है, जहां आरबीआई के एसेट्स होते हैं.
कमर चीमा ने आगे कहा कि 1990 के बाद यह इंडिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिलोकेशन एक्सरसाइज थी. इंडिया का करंट गोल्ड रिजर्व 854.73 टन है. 510 टन डोमेस्टिकली पड़ा हुआ और 344 टन ओवरसीज पड़ा हुआ है. 350 के करीब बैंक ऑफ इंग्लैंड में पड़ा हुआ था.
कमर चीमा ने आगे बताया कि क्यों भारत ने दूसरे देशों में इतना सारा सोना स्टोर किया हुआ है. उन्होंने कहा, ‘भारत का इतना सोना जो दूसरे मुल्कों में पड़ा हुआ था, उसकी भी एक स्टोरी है. बहुत सारे देश अपना गोल्ड दूसरे देशों में रख देते हैं ताकि जब इंटरनेशनल ट्रेडिंग करनी हो तो इसका इस्तेमाल किया जा सके. जैसे इंग्लैंड सेंटर है, ऐसे ही न्यूयॉर्क का फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क है, स्विजरलैंड है और भी कई सारी जगह हैं.’
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