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दुनियाभर के अलग-अलग जगहों पर आज भी आर्कियोलॉजिस्ट जमीन की खुदाई करते रहते हैं. उनकी खुदाई में कई ऐसे रहस्य सामने आते हैं, जो पुराने जमाने के लोगों के रहन-सहन के बारे में बतलाते हैं. जमीन से लेकर पहाड़ तक, हर जगह ये वैज्ञानिक अपना रिसर्च करते रहते हैं. कहीं पर करोड़ों साल पुराने फोसिल्स से धरती के इतिहास का पता चलता है कि कैसे जीवन पनपा, तो कहीं जमीन की खुदाई में उस दौर के रहन-सहन के बारे में पता चलता है. लेकिन इन आर्कियोलॉजिस्ट के अलावा भी कुछ लोग स्वतंत्रतापूर्वक खजाने की खोज में लगे रहते हैं. ऐसे ही एक शख्स की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दरअसल, मेटल डिटेक्टर लेकर ये शख्स नॉर्वे में एक पहाड़ पर गया. वहां मशीन में ‘बीप-बीप’ की आवाज आने लगी, तो उसने पत्थर तोड़ना शुरू किया. अचानक उसके हाथ एक दुर्लभ खजाना लग गया. पल भर में ही उस शख्स की किस्मत चमक गई.
मिली जानकारी के मुताबिक, इस शख्स को जो खजाना मिला है, वो एक हजार साल से भी पुराना है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो खजाना है क्या? ऐसे में बता दें कि वो 1 हजार साल पुराना एक सोने का सिक्का है, जिसे अति दुर्लभ माना जा रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उस सिक्के पर यीशु मसीह की तस्वीर बनी हुई है. जानकार बताते हैं कि सिक्के को लगभग एक हजार साल पहले बिजैन्टाइन साम्राज्य (Byzantine Empire) की राजधानी कॉन्स्टेंटिनोपल (Constantinople) में ढाला गया था. जब हमने इस पोस्ट की जांच की तो पता चला कि ये लगभग 1 साल पहले मिला था. उस दौरान मियामी हेराल्ड ने इसको लेकर आर्टिकल भी लिखा था. मियामी हेराल्ड के मुताबिक, ‘सिक्के को उसके मूल स्थान से 1,600 मील से अधिक दूर खोजा गया है.’
अधिकारियों बतलाते हैं कि एक मेटल डिटेक्टरिस्ट की नजर नॉर्वे के वेस्ट्रे स्लिड्रे (Vestre Slidre) में पहाड़ों के बीच इस सोने के सिक्के पर पड़ी, यह नॉर्वे के लिए दुर्लभ खोज है. इसके दोनों साइड पर तस्वीरें बनीं हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि सिक्के के एक तरफ यीशु (Jesus Christ) को बाइबिल पकड़े हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरे में बिजैन्टाइन सम्राट बेसिल II और कॉन्स्टेंटाइन VII को दिखाया गया है, जो भाई थे, जिन्होंने एक साथ शासन किया था. इस सिक्के को देखने के बाद एक्सपर्ट्स ने कहा कि जिस साइड ईसा मसीह की तस्वीर बनी हुई है. उसके नीचे लैटिन भाषा में एक वाक्य लिखा हुआ है, जिसका अनुवाद, ‘ईसा मसीह, शासन करने वालों का राजा’ है. वहीं, दूसरी तरफ सम्राटों की तस्वीरें बनी हुई है, उस पर ग्रीक भाषा में एक वाक्य लिखा हुआ है, जिसका अनुवाद– ‘बेसिल और कॉन्स्टेंटाइन, रोमन के सम्राट’ है.
सिक्के को देखने के बाद एक्सपर्ट्स ने कहा कि इसे बेसिल और कॉन्स्टेंटाइन के शासनकाल के दौरान संभवतः 977 और 1025 के बीच बनाया गया था. हालांकि, एक्सपर्ट भी हैरान हैं कि ये सिक्का नॉर्वे में कैसे पहुंचा? हालांकि, एक परिकल्पना यह है कि ये सिक्का 1045 से 1066 तक नॉर्वे के राजा हेराल्ड द रूथलेस (Harald the Ruthless) का था, जिसे हेराल्ड हार्डरोड के नाम से भी जाना जाता था. हेराल्ड कभी बिजैंटाइन सम्राट का अंगरक्षक हुआ करता था. हेराल्ड की आंखों के सामने तीन सम्राटों की मौत हो गई. उस दौरान सम्राट की मौत के बाद खजाने लूट लिए जाते थे. तभी शायद ये सिक्का हेराल्ड के हाथ लग गया. उसी दौरान हेराल्ड उसे नॉर्वे लेकर आ गया. लेकिन उसी दौरान ये खो गया था. अब 1 हजार साल बाद ये दोबारा मिला.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 09:07 IST
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