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Attack on Hindu Temple in Canada: ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर परिसर में खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला करने की घटना की कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने निंदा की है. उन्होंने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने लाल रेखा पार कर ली है, जो कनाडा में हिंसक उग्रवाद के उदय को उजागर करता है.
आर्य ने एक्स पर हमले का एक वीडियो साझा किया और लिखा, “आज कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने एक लाल रेखा पार कर ली है. ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों की ओर से किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद कितना हिंसक और बेशर्म हो गया है.”
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों का लाभ उठाने का लगाया आरोप
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी घुसपैठ कर ली है.” कनाडाई सांसद ने आगे चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों का लाभ उठा रहे हैं और उन्हें ये सब करने का फ्री पास मिल रहा है.
A red line has been crossed by Canadian Khalistani extremists today.
The attack by Khalistanis on the Hindu-Canadian devotees inside the premises of the Hindu Sabha temple in Brampton shows how deep and brazen has Khalistani violent extremism has become in Canada.
I begin to feel… pic.twitter.com/vPDdk9oble
— Chandra Arya (@AryaCanada) November 3, 2024
हिंदू समुदाय के लोगों से की ये खास अपील
आर्य ने आगे कहा कि जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, हिंदू-कनाडाई लोगों को अपने समुदाय की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों का दावा करते हुए राजनेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए.”
पहले भी कई बार हुए हैं कनाडा में मंदिरों पर हमले
आर्य पहले भी कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों को उठा चुके हैं. जुलाई में आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदायों पर निर्देशित हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की थी. एक पोस्ट में तब उन्होंने लिखा था, “एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर BAPS स्वामीनारायण मंदिर में फिर से तोड़फोड़ की गई है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान, ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों में हिंदू मंदिरों को नफरत से तोड़ दिया जा रहा है.” पिछले साल, विंडसर में एक हिंदू मंदिर को क्षतिग्रस्त किया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई और कनाडाई और भारतीय दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई की मांग की थी. मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में पहले की घटनाओं में भी मंदिरों को इसी तरह निशाना बनाया गया था, जिस पर कनाडा में भारतीय समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं.
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