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पलवल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 7 लाख रुपए सहायता राशि लेने का मामला सामने आया है। बेसहारा बच्चों को दी जाने वाली सहायता योजना में धांधली हुई है। कैंप थाना पुलिस ने बाल संरक्षण इकाई के चार कर्मचारियों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सहायता राशि ल
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कैंप थाना प्रभारी दिनेश के अनुसार, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार (एएसजे) गौमती मनोचा ने अगस्त में पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई में फर्जी तरीके से सहायता राशि हड़पने के प्रमाण मिले। कटेसरा गांव निवासी राहुल उर्फ रविंद्र नियमों के खिलाफ अपने दो बच्चों रूही और कार्तिक के नाम पर यह राशि ले रहे थे।
इसी प्रकार कौशल भी अपने बच्चों हरसल व माही तथा अन्य बच्चों के नाम पर भी धोखाधड़ी से राशि ली जा रही थी। जांच के दौरान पाया गया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों ने अपने नजदीकी संबंधियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया है। 7 लाख रुपए से भी अधिक की राशि गलत तरीके से हड़पी गई है।
2018 से यह घोटाला किया जा रहा था। पुलिस ने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई की डाटा एनालिस्ट कीर्ति शर्मा, गायत्री देवी, सविता और सीता देवी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी की राशि और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों ने पुलिस को पूरा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया है।
पूरे रिकॉर्ड की जांच होने पर धोखाधड़ी के आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है और राशि भी। इस मामले के आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर पूरा रिकार्ड कब्जे में लिया जाएगा और जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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