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भाई-बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार भाई दूज का पर्व रविवार को धार सहित ग्रामीण अंचल में मनाया जा रहा हैं। इसी के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हो जाएगा। भाई दूज पर बहने भाइयों के माथे पर टीका लगाकर पूजन करती हैं। माथे पर टीका लगाने के साथ ही
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केसरिया दूध पिलाया जाता
दरअसल इस साल 31 अक्टूबर व 1 नवंबर को दो दिनों तक दिवाली का पर्व लोगों ने मनाया है। इसी कारण अब भाई दूज भी दो दिनों तक मनाई जा रही हैं, 2 नवंबर को दोपहर बाद से ही दूज पर्व मनाने का क्रम शुरू हो गया था। ग्रामीण अंचलों में बहने पूजा के पहले बाजार से चांदी का गिलास विशेष रूप से खरीद कर लेकर आती हैं।
मान्यता हैं, कि चांदी के गिलास में केसरिया दूध पिलाने से भाई स्वस्थ रहते हैं। इसी कारण सुबह बहनों ने चांदी के बर्तन खरीदे व दोपहर में भाई दूज का पर्व मनाते हुए भाइयों की लंबी उम्र की कामना की।
अपने भाई को भाईदूज का तिलक करती बच्ची।
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