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देशभर में पहली बार साढ़े सात वर्षीय प्री आयुर्वेद प्रोग्राम फॉर बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीएएमएस प्री आयुर्वेद) कोर्स शुरू होगा। कोर्स में साढ़े सात वर्षीय बीएएमएस डिग्री में 2 वर्ष के प्री आयुर्वेद व साढ़े चार वर्ष के बीएएमएस के साथ ह
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संस्कृत से 10वीं उत्तीर्ण जरूरी : साढ़े सात वर्षीय बीएएमएस प्री आयुर्वेद डिग्री कोर्स में 2 वर्ष के प्री आयुर्वेद व साढ़े 4 वर्ष के बीएएमएस के साथ ही एक वर्ष की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप का समावेश किया है। प्रवेश के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड सहित संस्कृत बोर्ड ऑफ स्टेट या किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से तथा 10+2 पैटर्न से 10वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। न्यूनतम आयु 15 वर्ष होगी।
प्रवेश के लिए नीट की तर्ज पर ही आयुर्वेद गुरुकुलम की एक समान प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट फॉर प्री आयुर्वेद प्रोग्राम (एनईईटी-पीएपी) को 50 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण करना होगा।
50 आयुर्वेद गुरुकुलम बनेंगे, गुरु शिष्य परंपरा से पढ़ाएंगे प्रदेश समेत देशभर में पहली बार 2025 में करीब पचास से ज्यादा आयुर्वेद गुरुकुलम व इनके संबद्ध अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। हालांकि, अब तक गुरुकुलम की संख्या निर्धारित नहीं की गई है। जिसमें शुरूआत में पचास-पचास सीटें संचालित होंगी। एनसीआईएसएम नईदिल्ली के सचिव डॉ सच्चिदानंद प्रसाद द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पांच करोड़ की जनसंख्या पर एक अतिरिक्त आयुर्वेद गुरुकुलम की स्थापना होगी। गुरुकुलम के अपने संबद्ध अस्पताल को राष्ट्रीय मानकीकरण बोर्ड से प्रवेश स्तर की क्षमता का प्रमाणीकरण लेना होगा। छात्र संस्कृत भाषा के ग्रंथों का पूर्ण अध्ययन कर गुरु-शिष्य परंपरा से ही पूर्ण आयुर्वेद चिकित्सक बन सकेंगे।
इस साढ़े सात वर्षीय आयुर्वेद स्नातक डिग्री कोर्स में पहले दो वर्षों में छात्रों को संस्कृत, अंग्रेजी या भारतीय भाषाएं, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित, जीवविज्ञान व आयुर्वेद का परिचय पढ़ाया जायेगा। शिक्षणसत्र प्रतिवर्ष अक्टूबर में प्रारंभ होगा ।
552 आयुर्वेद कॉलेज संचालित देशभर में जोधपुर के डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णनन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के आयुर्वेद कॉलेज सहित 552 मान्यता प्राप्त आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। जिसमें करीब डेढ़ लाख से अधिक स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं।
इनका कहना है “एनसीआईएसएम का काफी उचित कदम है। इससे आयुर्वेद का गहन अध्ययन संभव हो पाएगा। साढ़े सात वर्षीय डिग्री कोर्स में आयुर्वेद पैथी में पूर्णरूपेण रुचि लेने वाले छात्र ही प्रवेश लेंगे।” -डॉ. राकेश पाण्डेय, प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन
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