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शहर में सामूहिक रूप से गोवर्धन पूजा।
दीपोत्सव के दौरान शनिवार को दिन में अनेक जगहों पर मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी पाने वालों की लाइन लगी रही। वहीं शाम को गोवर्धन पूजन के दौरान गिरवर के जयकारों की गूंज रही। गांव, कस्बे व शहर में गली-मोहल्ले और मंदिरों में अनेक जगहों पर छोटे-बड़े आयोजन कि
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गोवर्धन महोत्सव के तहत पिछले 50 वर्षों से एक ही स्थान पर सामूहिक पूजा करने का दृश्य एक बार फिर देखने को मिला। शहर के मेहताब सिंह का नोहरा जय कॉम्पलेक्स के पीछे के क्षेत्र में पिछले 50 वर्षों से स्थानीय लोग सामूहिक रूप से गोवर्धन पूजा करते हैं।
यहां यह परंपरा पिछले 50 वर्षों से जारी है। स्थानीय निवासी राधेश्याम सैनी का कहना है कि 50 वर्षों से पहले से सब लोग एक जगह एकत्रित होकर गोवर्धन पूजा करते हैं। गोवर्धन की प्रतिमा बनाई जाती है। पहले गोवर्धन पर्वत बड़ा बनाया जाता था। अब कुछ आकार कम हुआ है। लेकिन लोगों का उत्साह 50 वर्षों से बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने गोवर्धन की प्रतिमा के चारों ओर परिक्रमा लगाई और गिरिराज महाराज की जयकारे लगाए।
शहर के रत्ती का कुआ स्थित शिव मंदिर में गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। साथ ही अन्नकूट के प्रसाद का वितरण किया गया। जहां अन्नकूट का प्रसाद लेने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शिव मंदिर के सुभाष शर्मा ने बताया कि गोवर्धन पर्व के दिन अन्नकूट प्रसाद में मिक्स सब्जी, कढ़ी, बाजरा, खीर, मूंग, बाजरा, चावल, पुए पकौड़ी आदि का प्रसाद बनाया गया। रत्ती का कुआं मोहल्ले में सामूहिक रूप से भगवान गोवर्धन की पूजा की गई।
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