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झारखंड में ठंड का असर धीरे-धीरे होन लगा है। तूफान दाना की वजह से दीपावली के पहले हुई बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई थी। इसके बाद तीन दिनों तक स्थिति सामान्य रही। अब नवंबर की शुरुआत से ही रात का पारा गिरने लगा है। अगले तीन-चार दिनों तक तापमान में 3
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इसका असर छठ पूजा में भी दिखेगा। हल्की ठंड का एहसास होगा। छठ के बाद तापमान में गिरावट आने की संभावना है। नवंबर के अंत तक रात का पारा गिरकर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इससे जोरदार ठंड का एहसास होगा।
इधर, अभी ही रात का तापमान लगभग 17 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसका असर शाम ढलते ही दिखने लग रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों सहित आसपास में घना कोहर छा जा रहा है। रात में हाइवे पर धुंध की वजह से विजिबिलिटी कम हो जा रही है।
इससे वाहन सवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगले 7 दिनों तक सुबह और शाम में कोहरा छाया रहेगा। एक-दो दिन बादल छाने की भी संभावना है, हालांकि बारिश नहीं होगी।
रांची में अगले 7 दिनों तक मौसम में बड़े बदलाव नहीं होंगे। 3 नवंबर तक सुबह में धुंध छाई रहेगी। 3 से 6 नवंबर तक बादल छा सकते हैं। 7 नवंबर से मौसम साफ होगा। अधिकतम तापमान 27 से 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 से 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
जामताड़ा में मौसम साफ है। धूप निकली है।
देवघर में हल्की धूंध के बीच धूप निकली हुई है।
छह साल में सबसे अधिक बारिश
रांची में नवंबर माह में औसतन 10.5 एमएम बारिश होती है। लेकिन पिछले छह साल में सिर्फ साल 2021 में सबसे अधिक 38.6 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 268 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त अन्य सालों में बारिश की बात करें तो साल 2018 में 00 एमएम, साल 2019 में 0.3 एमएम, साल 2020 में 1.9 एमएम, साल 2021 में 38.6 एमएम, साल 2022 में 00 एमएम और साल 2023 में 1.5 एमएम बारिश हुई।
यह तस्वीर डकरा क्षेत्र की है। रांची के आसपास के क्षेत्र में शाम ढलने के साथ धुंध छाने लगी है। रात में हाइवे पर धुंध की वजह से विजिबिलिटी कम हो जा रही है। इससे वाहन सवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
6 साल से नवंबर में 10 डिग्री से 12 डिग्री रहा न्यूनतम तापमान
रांची में पिछले 6 साल में नवंबर माह का न्यूनतम तापमान लगभग एक जैसा रहा है। 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच न्यूनतम तापमान रहने की वजह से ठंड बढ़ जाती है। नवंबर के अंत तक बारिश हुई तो तापमान 10 डिग्री से नीचे भी जा सकता है। इससे ठिठुरन बढ़ेगी।
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