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अजमेर में बुधवार को दीपावली में पिछले साल से अधिक प्रदूषण रहा। रात को सबसे खराब एयर क्वालिटी रही। लोगों ने जमकर लाखों रुपए के पटाखे जलाएं। इस दौरान नुकसानदायक दुआ हवा में घुला रहा।
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एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 450 प्रतिशत के आसपास रहा। पटाखों से होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण खतरनाक होता है। बता दे की पिछले साल एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 290 के बीच रहा था।
अजमेर में AQI रात में रेड जोन में रहा, लेकिन सुबह होने के साथ वापस 100 से 200 के बीच आ गया।
इस बार मांलक्ष्मी पूजन के दिन पटाखे जलाने से अजमेर में 80% प्रदूषण हुआ। हवा में बारूद के पाउडर और कचरे की गंध घुली रही। इसके साथ ही वाहनों के दौड़ने से भी प्रदूषण बना रहा।
वर्ष 2020 में एनजीटी की सख्ती और कोरोना के चलते पटाखों पर पाबंदी थी इसी कारण पटाखों से निकलने वाले घातक धुएं की मात्रा 55 प्रतिशत तक कम रही थी।
2017 से लेकर 2023 तक का आंकड़ा
राज्य प्रदूषण मंडल के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में दीपावली के दिन पटाखे और वाहन संचालन के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स 320 से 370 के आसपास था। 2018 में यह 350 तक पहुंच गया। 2019 में 390, 2020 में 225 से 240 के आसपास रहा था। 2021 में 280 से 295, 2021 में 297, 2022 में 260 से 280 और इस बार 290 से 295 के आसपास रहा।
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