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नागौर जिले के पश्चिमी हिस्से में लेपर्ड का मूवमेंट दर्ज किया जा रहा है। यहां खींवसर के बाद आकला में लेपर्ड के फुटप्रिंट मिले हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग को एक बड़ा सा जंगली जानवर दिखने की सूचना दी तो वन विभाग के अधिकारियों ने पगमार्क की जांच की तो लेपर
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क़स्बे में इन दिनों कपास निकालने का कार्य चल रहा है इस दौरान हरियाणा से बड़ी संख्या में मजदूर यहां पर कपास की चुगाई करने के लिए आए हुए हैं, जो रात में सड़क किनारे और खुले में सोते हैं। रेंजर हेमेंद्र फिड़ौदा ने मज़दूरों से मिलकर उन्हें किसी सरकारी स्कूल या मजफूज जगह पर रुकने की हिदायत दी हुए कहा है कि रात में महिलाओं और बच्चों को अकेले दूर न भेजें और जाना हो तो अपने हाथ में डंडा रखें।
ग्रामीण खिंयाराम गोदारा ने बताया कि मेरी चौराहे पर ही दुकान है और दुकान के ऊपर बने घर में ही रहता हंू। रात को मैं खाना खा रहा था और मेरे सामने ही सीसीटीवी के फुटेज चल रहे थे। तभी एक बाइक सवार उधर से गुजरा तब मैंने कैमरे में देखा तभी एक बड़ा सा जानवर कैमरे के सामने से गुज़रा तब मैँने अपने लड़के को बुलाया और उसे रिकॉर्डिंग दिखाने को बोला। अब उसमें हमने देखा कि एक बड़ा सा जानवर जाते हुए देखा तो हमें श़क हुआ और हमने वन विभाग को सूचना दी जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी आकला पहुंचे और उन्होंने लेपर्ड होने की पुष्टि करते हुए हमें घर के अंदर ही रहने की हिदायत दी।
कस्बे में रहवासी इलाके में पैंथर की मूवमेंट के बाद लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। वनकर्मी गजेंद्र सोऊ ने बताया कि बुधवार रात करीब 9 बजे आकला गांव के पास पगमार्ग की सूचना मिलने पर विभागीय टीम मौके पर टीम। एक ग्रामीण ने बताया कि बुधवार सुबह एक बड़े जानवर को भागते हुए देखा था। ग्रामीण की बताई जगह पर सर्च करने पर पैंथर के पगमार्ग दिखे। वनकर्मी ने बताया कि अगर किसी ग्रामीण को पैंथर की मूवमेंट दिखे तो 8107586448 इस नंबर पर फोन कर सूचित करें।
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