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संपूर्ण चराचर जगत को अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर, अधर्म से धर्म की ओर, अन्याय से न्याय की ओर तथा वैमनस्य से मित्रता की ओर ले जाने वाला त्यौहार है- प्रकाश पर्व दीपावली। इस शुभ अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रभु श्रीराम के जीवन
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इस अवसर पर बताया गया कि दीपावली धन, ऐश्वर्य, सुख, शांति स्वच्छता, निर्मलता व प्रसन्नता का त्यौहार है। यह त्यौहार है प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र व आदर्शों को हृदयगत करने का। दीप से दीप जलाकर दीपों की पंक्तियां सजाकर धन एवं ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी तथा विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा आराधना करने का।
पौराणिक मान्यतानुसार भगवान श्रीराम राक्षसराज लंकाधिपति रावण को मार कर सीता सहित आज के दिन ही अयोध्या वापस आए थे; जिनके स्वागत में यह दीपावली का त्योहार प्रतिवर्ष कार्तिक महीने के अमावस्या को मनाया जाता है। आज ही के दिन तारकासुर नामक राक्षस का संहार शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा ने किया था। दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना अलग-अलग महत्व है। धनतेरस से शुरू होकर यह त्यौहार रूप चौदस, लक्ष्मी पूजा, भाई दूज व गोवर्धन (अन्नकूट ) पूजा तक चलता है।
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