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नई दिल्ली. रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में गिरफ्तार कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी. सनसनीखेज रेणुकास्वामी हत्या मामले में गिरफ्तारी के चार महीने बाद कोर्ट ने एक्टर को मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए 6 हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दी है. दर्शन ने रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी और एक्टर की मेडिकल रिपोर्ट की जांच के बाद अदालत ने उन्हें ये राहत दी है. दर्शन रेणुकास्वामी हत्याकांड का मुख्य आरोपी हैं.
21 अक्टूबर को पीठ दर्द की शिकायत के बाद दर्शन को विजयनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बेल्लारी, कर्नाटक ले जाया गया. जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने की सलाह दी. भारी सुरक्षा के बावजूद, जब एक्टर अस्पताल के बाहर पुलिस वाहन से बाहर निकले तो उनके फैंस ने उन्हें घेर लिया.
ट्रायल कोर्ट ने जमानत से किया ता इनकार
इससे पहले, एक ट्रायल कोर्ट ने दर्शन को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि वह सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. यह बयान इस आरोप के बारे में दिया गया था कि दर्शन ने रेणुकास्वामी की हत्या में सबूत नष्ट करने के लिए पैसे दिए थे.
दर्शन ने स्वीकार की है गलती
दर्शन ने पहले रेणुकास्वामी को प्रताड़ित करने की बात कबूल की थी. 3,991 पन्नों की चार्जशीट के मुताबिक, दर्शन ने पुलिस को बताया कि उसने रेणुकास्वामी को पेड़ की शाखा से मारा और उनके सिर, छाती और गर्दन के पास लात भी मारी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपने कुछ फैंस से रेणुकास्वामी का अपहरण करने और ‘उन्हें सबक सिखाने’ के लिए कहा था.
जेल में हैं पवित्रा गौड़ा
यह सब तब शुरू हुआ जब पवित्रा गौड़ा के फैंस होने का दावा करने वाले रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर एक्ट्रेस को भद्दे संदेश भेजे, जिससे दर्शन, जो गौड़ा के लिव-इन पार्टनर थे, नाराज हो गए. रेणुकास्वामी का क्षत-विक्षत शव 8 जून को बेंगलुरु के एक नाले में मिला था. जहां दर्शन को अब जमानत मिल गई है, वहीं गौड़ा अभी भी जेल में हैं.
मंगलवार को जज ने सुरक्षित रखा था फैसला
आपको बता दें कि मंगलवार को एक्टर के वकील ने मैसूर के एक निजी अस्पताल में उनकी सर्जरी कराने की अनुमति के लिए अदालत से अनुरोध किया था. सरकारी वकील ने इस अनुरोध का विरोध किया और कहा कि मेडिकल दस्तावेजों में यह स्पष्ट नहीं है कि दर्शन को कितने दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना होगा. उन्होंने तर्क दिया कि सर्जरी सरकारी अस्पताल में की जा सकती है. न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने इसपर पूछा था, ‘मैसूर क्यों? बेंगलुरू में एक डॉक्टर से (दर्शन की) जांच करवाएं और सर्जरी की तात्कालिकता और अवधि का आकलन करवाएं. अंतरिम जमानत की समय-सीमा सीमित है और हमें यह समझने की जरूरत है कि आपको कितने समय तक अस्पताल में भर्ती रहना होगा.’ अभियोजक ने यह भी तर्क दिया कि दर्शन को राज्य द्वारा नियुक्त मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य मूल्यांकन से गुजरना चाहिए. इसके बाद जज ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज अपना फैसला सुनाते हुए जज ने दर्शन को जमानत दे दी है.
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 12:06 IST
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