[ad_1]
झारखंड में अबतक हुए चार विधानसभा चुनावों (2005 से 2019) में 5055 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा चुके हैं। इनमें 4,639 पुरुष और 416 महिलाएं हैं। यानी महिलाओं की संख्या मात्र 8.2 प्रतिशत है। यह स्थिति तब है, जब कुल मतदाताओं में आधी आबादी महिलाओं की है। कई व
.
राजनीतिक दलाें में भी महिला उम्मीदवाराें काे लेकर न ताे दिलचस्पी है और न ही वे महिलाओं की सत्ता में भागीदारी बढ़ाने की इच्छा रखते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण 2024 का विधानसभा चुनाव है। इसमें भी एनडीए और इंडिया ने मात्र 27 महिलाओं काे ही उम्मीदवार बनाया है।
राज्य के 78 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां अबतक एक भी महिला ने चुनाव नहीं लड़ा है। उन्हें न ताे राजनीतिक दलाें ने उम्मीदवार बनाया, न ही महिलाओं ने पहल की है। 2005 में 29, 2009 में 16, 2014 में 19 और 2019 में 14 विधानसभा क्षेत्रों में महिला चुनाव मैदान में नहीं उतरीं।
पिछले 4 चुनावाें में महिला-पुरुष उम्मीदवार, 78 विस क्षेत्राें में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं
4 चुनावाें में 29 महिला जीतकर पहुंचीं विस
अबतक चुनाव लड़ चुकीं 416 महिलाओं में सिर्फ 29 महिला ही जीत कर विधानसभा पहुंच पाई हैं। यानी स्ट्राइक रेट 6.7% रहा। दूसरी ओर 4639 पुरुष उम्मीदवारों में 291 सदन पहुंचे। यानी जीत का स्ट्राइक रेट 6.27% रहा। 2005 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ दाे महिलाएं जीती थीं। 2009 में 8, 2014 में 8 और 2019 में 10 महिलाएं चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचीं। विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। लेकिन, अभी काफी लंबी दूरी तय करनी बाकी है।
इन सीटों पर नहीं मिली महिला प्रत्याशी
2005 : राजमहल, बाेरियाे, महेशपुर, मधुपुर, सारठ, गाेड्डा, महगामा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, मांडू, सिमरिया, चतरा, धनवार, बगाेदर और गांडेय।
2009 : सारठ, गोड्डा, महगामा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, सिमरिया, चतरा, बगोदर, गिरिडीह, डुमरी, सिंदरी, बाघमारा, घाटशिला, चक्रधरपुर, तमाड़ और कोलेबिरा।
2014 : लिट्टीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, जरमुंडी, महगामा, बरकट्ठा, मांडू, धनवार, गांडेय, डुमरी, बेरमो, धनबाद, खरसावां, झरिया, टुंडी, बहरागोड़ा, जुगसलाई, सरायकेला और मझगांव।
2019 : महेशपुर, मधुपुर, पोड़ैयाहाट, बरकट्ठा, सिमरिया, चतरा, चंदनक्यारी, टुंडी, जुगसलाई, सरायकेला, सिमडेगा, मनिका, हुसैनाबाद और गढ़वा।
[ad_2]
Source link