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मिट्टी और गोबर से बने उत्पादों की बढ़ी मांग
दीपावली के अवसर पर ग्रामीण हाट बाजारों में मिट्टी से बने उत्पाद बेचकर स्व-सहायता समूह की महिलाएं अच्छी कमाई कर रही हैं। आजीविका मिशन से जुड़कर पहले इन महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया और फिर अपने घरों में मिट्टी और गोबर के दिए, मटके, कलश, और अन्य उत्पाद बना
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ग्रामीण महिलाओं को आजीविका मिशन का लाभ
मेहदवानी जनपद पंचायत मुख्यालय की पूनम प्रजापति ने बताया कि वे 2017 से आजीविका मिशन से जुड़ी हुई हैं और आशा स्व-सहायता समूह के माध्यम से काम कर रही हैं। आजीविका मिशन के अधिकारियों के सहयोग से पहले प्रशिक्षण प्राप्त किया, इसके बाद ऋण लेकर काम शुरू किया। समूह में कुल 12 महिलाएं कार्यरत हैं, जो रोजाना करीब 1,000 दिए बनाती हैं। इसके अलावा लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, मटके, कलश, और गुल्लक भी बना रही हैं।
अच्छी कमाई से समूह की महिलाओं में उत्साह
इन उत्पादों की मांग ग्रामीण हाट बाजार में ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय से भी आ रही है। बीच-बीच में आजीविका मिशन के अधिकारी आकर निरीक्षण करते हैं और समूह के प्रबंधन में भी सहयोग करते हैं। इस समय समूह की महिलाओं को एक लाख रुपये से अधिक का लाभ हो चुका है। पूनम प्रजापति ने कहा कि “हमारी भी इस बार दीपावली अच्छी होगी। हम भी अपने बच्चों के साथ त्योहार मनाएंगे।
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