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नई दिल्ली: कानाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंदलवार को एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. इससे पहले भारत ने सोमवार को कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. इसके अलावा कनाडा से अपने उच्चायुक्त और निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की. हालांकि ट्रूडो की छटपटाहट के कई और मायने भी हो सकते हैं. क्योंकि हाल ही में ट्रूडो की कुर्सी खतरे में आ गई थी. कहीं यही वजह तो नहीं कि ट्रूडो खुद को मजबूत नेता दिखाने के लिए कर रहे हैं.
पिछले महीने सितंबर में ट्रूडो पर दो-दो मुसीबत आई है. पहला ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था. हालांकि इस अविश्वास प्रस्ताव पर वह किसी तरह जीत पा गए थे. लेकिन जो जनता के बीच उनकी लोकप्रियता कम हुई उससे वह अभी भी पार नहीं पा रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या अपनी कम होती लोकप्रियता को देखते हुए ट्रूडो भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं.
क्यों गिरी कनाडा में ट्रूडो की साख
ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने मॉन्ट्रियल में एक विशेष चुनाव में एक महत्वपूर्ण संसदीय सीट खो दी है, इसी हार के बाद से कनाडाई नेता पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था. मॉन्ट्रियल के संघीय चुनावी जिले लासेल-एमार्ड-वर्डुन में मामूली हार ट्रूडो की अल्पसंख्यक लिबरल सरकार के लिए तीन महीनों में दूसरी ऐसी हार थी.
सभी मतों की गिनती के साथ, लिबरल उम्मीदवार लॉरा फिलिस्तीनी ब्लॉक क्यूबेकॉइस उम्मीदवार लुइस-फिलिप सॉवे के बाद दूसरे स्थान पर रहीं. एक पोल ट्रैकर के अनुसार, प्रधानमंत्री के रूप में अपने नौवें वर्ष में, ट्रूडो की स्वीकृति दर 63% से गिरकर इस साल जून में 28% हो गई.
अपने सांसदों की नजर में भी खटक रहे ट्रूडो
जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लिबरल्स अगले चुनाव में कंजर्वेटिव्स से हारने वाले हैं, जो कनाडा की संसद में वर्तमान आधिकारिक विपक्ष है. प्रधानमंत्री को पार्टी नेता के रूप में इस्तीफा देने के लिए आह्वान का सामना करना पड़ा है, जिसमें उनकी अपनी पार्टी के भीतर से भी शामिल हैं. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा है कि वह पद पर बने रहने और पार्टी का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं, जो कि अक्टूबर 2025 में होने वाला है.
Tags: Canada, Canada News, Justin Trudeau, World news
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 12:00 IST
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