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आतिशबाजी के साथ कोटा दशहरा मेले का समापन।
लोक संस्कृति की अनुपम छठा के बीच सोमवार को 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेला का रंगारंग समापन हुआ। समापन समारोह की शुरुआत जस्सू खान मांगणियार के लोक गीतों से हुई। लोक गीतों के बाद मेले में लोक संस्कृति की अनुपम छठा बिखरी। आखिर में दशहरा मैदान के साथ साथ को
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आतिशबाजी से पूरा दशहरा मैदान रंग बिरंगी रोशनी से रोशन हो गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वीडियो संदेश के जरिए दशहरा मेला के सफल आयोजन के लिए मेला समिति और शहर के लोगों को बधाई दी।
समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वीडियो संदेश के जरिए दशहरा मेला के सफल आयोजन के लिए मेला समिति और शहर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला नवाचारों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने दशहरा मैदान में मौजूद सभी लोगों को संकल्प दिलवाया कि वह दिवाली के अवसर पर घर गली और मोहल्ला ही नहीं अपने आसपास के क्षेत्र को भी स्वच्छ बनाने में जी जान से जुट जाएं। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि युवा छोटी छोटी टोली बनाकर अपने आसपास स्वच्छता का अलख जगाएं।
मेला आयोजन में जुटे अधिकारियों, कर्मचारियों, संवेदकों को पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भव्य आयोजन के लिए मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला समिति को बधाई दी। ऊर्जा मंत्री हीरा लाल नागर ने कहा कि मेला स्वच्छ और व्यवस्थित रहा। आगे भी सरकार के स्तर पर पूरा सहयोग करेंगे। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि नवाचारों के साथ साथ व्यापारियों और दर्शकों की सुविधाओं का बेहद अच्छे से ध्यान रखा गया। जिसके लिए मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और उनकी टीम को साधुवाद। मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने मेले का समापन करते हुए मेले को सफल बनाने वाले सभी लोगों का आभार जताया।
दशहरा मेले के समापन अवसर पर राजस्थानी लोक गायक जस्सू खान मांगणियार और उनके साथियों की सुरीली गायकी से महक उठी। जस्सू ने स्वागत गीत ‘केसरिया बालम पधारो म्हारे देश…’के साथ सुरों का ऐसा रंग बिखेरा कि हर कोई निहाल हो गया। इसके बाद उन्होंने ‘घूमर’ तो कभी ‘बन्ना जीमो तो हलुआ है बादाम रो सा’ की तान छेड़ सभी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने ‘आफरीन आफरीन..’ ‘हुस्न ए जाना की तारीफ मुमकिन नहीं..’सुनाया तो विजयश्री रंगमंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने जैसे ही ‘कदी आओ नी रसीले म्हारे देश’ और ‘छाप तिलक सब छीनी तैसे नैना मिलायके’सुनाए हर कोई झूम उठा। दमादम मस्त कलंदर पर तो विदेशी पाँवणे भी खूब थिरके। आखिर में जब ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ सुना पूरा माहौल ही भक्ति के रंग में रंग डाला।जोगिंदर सिंह की खड़ताल और इकतारे की जुगलबंदी ने भी सबका खूब मन मोहा।
जस्सू ने स्वागत गीत ‘केसरिया बालम पधारो म्हारे देश…’के साथ सुरों का रंग बिखेरा।
वृंदावन बिहारी लाल की लीलाएं देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
समापन समारोह श्रीराधा -कृष्ण की रास लीलाओं का अनुपम गवाह बना। भारतीय कला संस्थान डीग के कलाकारों की शानदार प्रस्तुति ने पूरे मेला परिसर को “महारास” के रंग में रंग दिया। कोटा के दशहरा मैदान में बृज जीवंत हो उठा। भक्ति और प्रेम से सराबोर महाराज ने भक्तों को बृज चौरासी की ऐसी अदभुत यात्रा करवाई कि हर कोई राधा कृष्ण के दिव्य प्रेम में डूब गया। आत्मा को स्पर्श करने वाला अनुभव देने वाले महारास के जरिए श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बखूबी प्रकट किया।
वृंदावन बिहारी लाल की लीलाएं देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
दशहरा मेला की अवधि एक दिन बढ़ाई
दशहरा मेला में दुकानों के लिए एक दिन का समय बढ़ा दिया गया है। समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि व्यापारियों के द्वारा मेला अवधि बढ़ाने की मांग की जा रही थी। वहीं धनतेरस पर खरीदारी को लेकर जनता की ओर से भी यह राय व्यक्त की जा रही थी। जिसे देखते हुए मेला अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। अब व्यापारी धनतेरस के दिन भी खुलकर व्यापार कर पाएंगे।
कल एक शाम पुराने गीतों के नाम
विवेक राजवंशी ने बताया मेले में मगंलवार को शाम 7 बजे से विजयश्री रंगमंच पर एक शाम पुराने गीतों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें शहर के प्रबुद्धजन सदाबहार गीतों की गायकी से सुरीली शाम सजाएंगे।
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