उपेंद्र तिवारी
दुद्धी तहसील के प्रख्यात चिकित्सक एवं वरिष्ठ समाजसेवी कवि साहित्यकार डॉक्टर लवकुश प्रजापति को उनके द्वारा स्वरचित पुस्तक ” सोनभद्र की फूलमती ” तथा अन्य साहित्यिक रचनाओं व सामाजिक सरोकार में निष्ठा पूर्वक सेवा कार्य हेतु राष्ट्रीय सम्मान ” डॉक्टर अंबेडकर साहित्य श्री नेशनल अवार्ड ” से ” भारतीय दलित साहित्य अकादमी दिल्ली के द्वारा आगामी 8 दिसंबर 2024 को पंचशाल आश्रम झरोदा रिंग रोड दिल्ली में सम्मानित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। जिसको लेकर दुद्धी नगर के एक निजी होटल में रविवार की दोपहर करीब 1 बजे एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ लवकुश प्रजापति ने कहा की इस क्षेत्र की समस्याओं को मैंने खासकर आदिवासियों की समस्याओं को, उनके कल्चर और रीतिरिवाज को संस्मरण कथा के माध्यम से उठाया। जिसे राष्ट्रीय मंच पर सराहा गया यह मेरे लिए गौरव व प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा सोनभद्र की फूलमती किताब में मैंने आदिवासियों की एक सभ्य समाज का रवैया को उजागर करते हुए, उनका वन वृक्ष नदी तालाब पहाड़ पर्वत,अपनी संस्कृति से जुड़ाव इन सभी परिपेक्ष्य में एक एक बिंदुओं को मैंने इस छोटी सी किताब में छूने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि किताब सोनभद्र की फूलमती में आदिवासियों का कल्चर जो धीरे धीरे लुप्त होने के कगार पर आ रहा है। इसके साथ ही आदिवासियों की संस्कृति रीतिरिवाज, नगमतिया, पहाड़ो व वृक्षों की पूजा, नादियों का सम्मान और आरंग संस्कृति में जो आदिवासियों के साथ प्रकृति का जो सामंजस्य है उसको रेखांकित करते हुए यह मेरी पूरी किताब है। जिसमे सोनभद्र की फूलमती नाम की एक लड़की की प्रेमकथा है। जो अपनी समगोत्रीय लड़के से विवाह के लिए घर से भाग जाती है लेकिन जब उसे पता चलता है की यह समगोत्रीय है हमारा तो अंत मे उस विवाह की अस्वीकारिता में अपनी भी स्वीकृत वह दे देती है।बता दे की डॉ लवकुश प्रजापति पूर्व में भी “ज्योतिबाफुले फैलोशिप राष्ट्रीय एवार्ड 2011, पर्यावरण मित्र एवार्ड, सुश्रुत सम्मान 2006, महीयशी नेपुरी देवी सम्मान 2023, साहित्य गौरव एवार्ड 2024 से नवाजे जा चुके है।