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US-Taiwan Arms Deal : अमेरिका ने ताइवान के साथ दो बिलियन डॉलर के हथियारों के डील को हरी झंडी दिखा दी है. अमेरिका से उन्नत हथियारों की डिलीवरी के बाद ताइवान एक स्वशासित द्वीप के रूप में और भी सशक्त होने वाला है. वहीं, अमेरिका और ताइवान के बीच हुई इस डील के बाद बीजिंग ने कड़ी नाराजगी जताई है.
अमेरिका के साथ किन हथियारों की हुई डील
अमेरिका के साथ ताइवान की हुई इस डील में तीन नेशनल एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (NASAMS) शामिल है. जिसकी अनुमानित डील 1.16 बिलियन डॉलर की हुई है. इसके साथ ही इसमें एक रडार सिस्टम भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 828 मिलियन डॉलर है. बताया गया कि इन एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल की ताकत यूक्रेन युद्ध में साबित हो चुकी है. जिसके बाद इससे ताइवान के हवाई सुरक्षा क्षमताओं में सार्थक रूप से बढ़ोत्तरी होगी.
ताइवान ने अमेरिका के प्रति जताया आभार
ताइवान की सुरक्षा में सार्थक रूप से बढ़ोत्तरी के लिए हुए इस डील के साइन होने पर ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग ते के कार्यालय ने शनिवार को अमेरिका के इस सपोर्ट के लिए आभार जताया है. मई में ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने के बाद चीन से मिली सैन्य धमकियों के बीच ताइवान ने अपने सुरक्षा क्षमताओं में वृद्धि कर ली है.
ताइवान के प्रेसिडेंसियल प्रवक्ता करेन कुओ ने कहा- ‘ताइवान की आत्म सुरक्षा क्षमताओं में बढ़ोत्तरी एक क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की नींव है.’
चीन ने ताइवान के आसपास की मिलिट्री ड्रिल
बीते सप्ताह चीन ने ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में दूसरे चरण के सैन्य ड्रिल के दूसरे चरण को पूर्ण किया है. जो कि ताइवान के महत्वपूर्ण बंदरगाहों और क्षेत्रों को ब्लॉक करने के लिए डिजाइन किया गया था. इसी को लेकर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के 153 एयरक्राफ्ट, 14 नेवल वेसल्स और 12 सरकारी नावों को द्वीप के आसपास घूमते हुए देखा गया है.
अमेरिका-ताइवान डील पर चीन ने जताई नाराजगी
अमेरिक और ताइवान के इस 2 बिलियन डॉलर की सैन्य डील सफल होने पर चीन ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही चीन ने इसे देश की संप्रभुता पर खतरा बताया है.
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