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इस वर्ष दीपोत्सव के पहले ही शुभ योग का संयोग बन रहा है। 28 अक्टूबर को रमा एकादशी पर ऐंद्र, ब्रह्म योग का शुभ संयोग होने से यह दिन विशेष फलदायी हो रहा है। इस दिन से श्री लक्ष्मी मंदिरों में वैदिक विधि-विधान से अनुष्ठान शुरू होंगे। मां का महारानी के रू
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वहीं, श्रीकृष्ण मंदिरों और खाटू श्याम मंदिरों में भी भगवान का विशेष अभिषेक और पूजन कर कई प्रकार के भोग लगाए जाएंगे। दूसरे दिन भौम प्रदोष पर लक्ष्मी नारायण, भगवान शिव का राजसी शृंगार भी किया जाएगा। यह बताते हुए ज्योतिषाचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि रमा एकादशी से मां लक्ष्मी के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे और मां लक्ष्मी का आकर्षक शृंगार किया गया।
श्रीलक्ष्मी-वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान होंगे
रमा एकादशी पर श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान होंगे। दक्षिण भारतीय शैली पर बने इस मंदिर दक्षिणात्य पद्धति से आगमशास्त्र विधि से पूजा होगी। इस दिन अनेक अनुष्ठान होंगे। धनतेरस पर भी अनुष्ठान होंगे। िदवाली के दिन 1100 दीये जलाए जाएंगे।
खाटू नरेश व देवी-देवताओं का होगा भव्य शृंगार
रमा एकादशी पर हरमू रोड स्थित श्याम मंदिर में एकादशी संकीर्तन कार्यक्रम होगा। खाटू नरेश व अन्य देवी-देवताओं का भव्य शृंगार कर विशेष पूजन किया जाएगा। धनतेरस के दिन दीप पूजन और श्री सुंदरकांड व श्री हनुमान चालीसा का पाठ होगा। दीपावली के दिन विशेष अनुष्ठान होंगे। 1100 दीपक जलाए जाएंगे। अग्रसेन पथ स्थित श्री श्याम में 501 घी के दीपक जलाए जाएंगे। खाटू नरेश का भव्य शृंगार किया जाएगा। लक्ष्मी मां की आराधना की जाएगी। दीपावली के दिन मंदिर का पट रात 10 बजे तक खुला रहेगा।
सुबह 7 से 12 बजे तक होगी पूजा : मणिटोला स्थित काली मंदिर में दिवाली के अवसर पर माता रानी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाएगी। इस दिन सुबह 7 बजे से मध्य रात 12 बजे तक पूजा की जाएगी। मां को 56 प्रकार का भोग लगेगा। मंदिर की अभूतपूर्व सजावट की जाएगी। पूरे मंदिर परिसर को 5100 दीयों से सजाया जाएगा।
बड़ा तालाब के पास स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में धनतेरस से भाई दूज तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें धनतेरस पर 501 दीयों से मंदिर को सजाया जाएगा। दिवाली के दिन कोलकाता से मंगाए गुलाब, रजनीगंधा, गेंदा व अन्य फूलों से मंदिर को सजाया जाएगा। 3 नवंबर को अन्नकूट का प्रसाद और भजन का कार्यक्रम होगा।
कोलकाता के फूलों से सजेगा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर
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