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जस्टिन ट्रूडो भारत-कनाडा तनातनी के लिए जिम्मेदार हैं.इससे पहले ट्रूडो के पिता इंदिरा गांधी से पंगा ले चुके हैं.खालिस्तान के नाम पर बाप-बेटे दोनों ने अपनी राजनीति चमकाई हैं.
नई दिल्ली. इस वक्त भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनातनी 7वें आसमान पर है. जस्टिन ट्रूडो अपने देश में राजनीति चमकाने के लिए लगातार एक आतंकी की हत्या के मामले में भारत को घसीटने में लगे हैं. कनाडा में खालिस्तान अलगावादियों को शरण मिलने का सिलसिला आज से शुरू नहीं हुआ है. जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो के वक्त से कनाडा में भारत विरोधी ताकतें काम कर रही हैं. साल 1982 में कनाडा की धरती पर कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सीनियर ट्रूडो पर भड़क गई थी. इसकी मुख्य वजह बना था सिंगपुर में जन्मा एक शख्स. चलिए हम आपको उसकी कहानी के बारे में बताते हैं.
इस शख्स का नाम है सुरजन सिंह गिल. सिंगापुर में पैदा हुए इस युवक की परवरिश भारत और इंग्लैंड में हुई. इंदिरा गांधी की सरकार ने जब भारत में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना शुरू किया तो उसने इस टेरेरिस्ट ग्रुप का परचम कनाडा में जाकर बुलंद करना शुरू कर दिया. साल 1982 में उसने कनाडा में खालिस्तान की निर्वासित सरकार का गठन किया. वैंकूवर में इस सरकार का हैड ऑफिस भी बनाया गया. यह शख्स यहीं नहीं रुका. उसने खालिस्तान के नाम का ब्लू पासपोर्ट भी जारी कर दिया था. पियरे ट्रूडो के राज में फलते-फुलते हुए सुरजन सिंह गिल ने कनाडा में खालिस्तान सरकार की करेंसी भी जारी कर दी.
इंदिरा का वो फोन कॉल
एक तरफ इंदिरा गांधी की सरकार खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एक्शन ले रही थी. वहीं, दूसरी तरफ कनाडा में खालिस्तान की निर्वासित सरकार बनने और उसका झंडा और करेंसी तक जारी होने से पीएम गांधी बुरी तरह भड़क गई थी. उन्होंने तत्काल पियरे ट्रूडो को फोन मिलाया और भारत सरकार का पक्ष रखते हुए खालिस्तानियों पर एक्शन लेने की बात कही. जस्टिन ट्रूडो के पिता ने इंदिरा गांधी को आश्वासन तो दिया लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. आज इसी नीति पर जस्टिन ट्रूडो काम करते नजर आ रहे हैं. यह वही साल था जब खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट को निशाना बनाया, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी.
जस्टिन ट्रूडो ने खुद ही मार ली पलटी
एक साल पहले भारत पर गंभीर आरोप लगाने वाले जस्टिन ट्रूडो ने जब एक बार फिर अपना वही पुराना राग अब अलापा तो इस बार भारत ने कनाडा के छह टॉप लेवल डिप्लोमैट को सस्पेंड कर वापस भेज दिया. भारत के एक्शन से तिलमिलाए ट्रूडो ने तुरंत ब्रिटेन के पीएम को फोन लगाया और अमेरिका का भी दरवाजा खटखटाया. इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार की तरफ से भारत से कनाडा की जांच में सहयोग का अनुरोध किया गया. हालांकि एक दिन बाद ही जस्टिन ट्रूडो ने खुद यह बात स्वीकार कर ली कि भारत को हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में कोई सबूत नहीं दिए गए हैं. केवल खुफिया इनपुट की जानकारी साझा की गई है.
Tags: Canada News, Indira Gandhi, International news, World news
FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 11:33 IST
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