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जैसलमेर। जोधपुर-जैसलमेर रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से चली मालगाड़ी। (फाइल)
हाल ही में जैसलमेर-जोधपुर व लालगढ़-फलोदी तक इलेक्ट्रिक नेटवर्क बढ़ाते हुए रेल लाइन को इलेक्ट्रिक कर लिया गया है। जिसके बाद जोधपुर-जैसलमेर रेल लाइन पर पहले चरण के तहत जोधपुर से शैतान सिंह नगर तक इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी का ट्रायल किया गया।
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सफल ट्रायल के बाद अब आगामी दिनों में सोनू -थईयात हमीरा स्टेशन तक का भी मालगाड़ी का ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से सवारियों से भरी ट्रेनों का भी संचालन किया जाएगा। डीआरएम, जोधपुर पंकज कुमार सिंह ने बताया-जोधपुर से शैतानसिंह नगर रेलवे स्टेशन तक इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। अब चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।
पहला ट्रायल सफल
जोधपुर-जैसलमेर रेल लाइन पर इलेक्ट्रिक लाइनें बिछाई जाने के बाद गुरुवार को पहली बार जोधपुर से 42 वैगन की 3 हजार 825 टन वजन से लदी मालगाड़ी लेकर 5.10 बजे रवाना हुआ इंजन मारवाड़ मथानिया -तिंवरी-ओसियां- भीकमकोर होते हुए रात 8.25 बजे शैतानसिंह नगर पहुंच गया।
ओसियां स्टेशन से गुजरती मालगाड़ी।
जल्द ही जैसलमेर से इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ेगी
रेलवे इलेक्ट्रिक नेटवर्क के तहत जैसलमेर से फलोदी होते हुए जोधपुर तक 291 किमी व फलोदी से लालगढ़ तक 158 किमी तक ट्रैक का विद्युतीकरण हो चुका है। जैसलमेर से जोधपुर तक करीब 4 हजार 947 पोल व फलोदी से लालगढ़ तक 2 हजार 686 पोल लगाकर तारों का जाल बिछाया गया है। सीआरएस निरीक्षण के बाद रेलवे मालगाड़ी के अलावा सामान्य ट्रेनों को चलाने की भी हरी झंडी दे देगा। जिससे जल्द ही जल्द ही जैसलमेर से इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ेगी। पटरियों के पास खड़े खंभों पर लगे सिंगल तार में 25 हजार वॉल्ट करंट प्रवाहित होगा, जिसे इंजन से जुड़ा पेंडोग्राफ टच करते हुए चलेगा।
डीजल के मुकाबले 70 प्रतिशत खर्चा होगा कम
इलेक्ट्रिक ट्रेनें 20 यूनिट में 1 किमी का सफर तय करेगी। जिसका खर्च करीब 130 रुपए है, ईधन का यह खर्च रेलवे को अब डीजल इंजन के मुकाबले करीब 320 से 370 रुपए प्रति किमी की बचत देगा। बिजली से 1 किमी ट्रेन संचालन में करीब 20 यूनिट बिजली खर्च होती है। रेलवे करीब 6.50 से 7 रुपए प्रति यूनिट बिजली की खरीद करता है। 6.50 रुपए के हिसाब से यह खर्च 130 रुपए होता है। जबकि डीजल इंजन से ट्रेन संचालन में 4 से 5 लीटर डीजल खर्च होता है, जिसकी लागत 450 से 500 रुपए तक आती है। बचत का यह आंकड़ा क संचालन में बढ़ोतरी के साथ साथ रेलवे को भारी मुनाफा देगा।
इंजन 3 से 4 मिनट में पकड़ेगा 80 की रफ्तार
जैसलमेर से जोधपुर बीच करीब 291 किमी का सफर साढ़े 5 घंटे की जगह 5 घंटे में तय कर सकेंगे। इससे बड़ा फायदा यह होगा कि स्टेशन पर ट्रेन रुकते समय इंजन बंद हाथों हाथ कर सकेंगे और चालू होते ही 3 से 4 मिनट में 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेगी। इससे ईंधन की आयात पर निर्भरता में कमी आएगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन कम होने से डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिल सकेगी।इलेक्ट्रिक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने और इनमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलेगी। विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण सोनू से लाइम स्टोन के परिवहन में भी अधिक भार वहन होगा। साथ ही लंबी दूरी की डीजल ट्रेनें जो जैसलमेर से चलती है, उनके जयपुर जैसे महानगरों से इंजन बदलकर इलेक्ट्रिक इंजन लगाए जाते है, जो अब बदलने नहीं पड़ेंगे।
25 हजार वॉल्ट करंट से चली ट्रेन, 20 यूनिट में 1 किलोमीटर का सफर, 130 रुपए का खर्चा
- कैटनेरी वायर और कॉन्टैक्ट वायर: तार ट्रैक के ऊपर खंभों पर 2 तार (कैटनेरी वायर और कॉन्टैक्ट वायर) लगे हैं, ऊपर के तार स्पॉट का काम करेगा और नीचे वाले में बिजली प्रवाहित होती है। पोल में स्टे-ट्यूब, ब्रैकेट ट्यूब, स्टेडी ट्यूब, रजिस्टर आर्म्स लगाए हैं।
- ट्रेक्शनसबस्टेशन: जोधपुर डिवीजन के अंतर्गत जैसलमेर से जोधपुर तक 291 किमी ट्रैक पर बिजली सप्लाई के लिए भीखमकौर, पोकरण व जेठा चांधन में टीएसएस (ट्रैक्शन सब स्टेशन) बनाए गए हैं। यहां 132 केवी जीएसएस से सप्लाई दी जा रही है। यहीं से खंभों पर बिछी तार में 25 हजार वॉल्ट का करंट प्रवाहित हो रहा है। यहां सीधे पॉवर ग्रिड से सप्लाई मिलने के कारण बिजली कटौती की समस्या नहीं होगी।
- ट्रांसफार्मर : उच्च वॉल्टेज को नियंत्रित करने इंजन में लगा स्टेप ट्रांसफॉर्मर बिजली सप्लाई से थ्री फेज मोटर से इलेक्ट्रिक इंजन चलेगा।
- पेंटोग्राफ: यह खंभों पर लगे सिंगल तार को टच करते हुए (बिजली ग्रहण करने वाला उपकरण) गति के साथ चलेगा, जो 25 हजार वॉल्ट बिजली को इंजन में लगे ट्रांसफॉर्मर तक पहुंचाएगा। इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है जो घिसता नहीं है।
- ट्रैक से जुड़ा अर्थिंग सिस्टम: करंट ऊपर से प्रवाहित होगा तो अर्थिंग सिस्टम पटरियों से मिलेगा, जगह जगह ट्रैक को अर्थिंग से जोड़ा गया है।
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