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दीपावली के अवसर पर अजमेर जिले में विस्फोटक नियम-2008 के अन्तर्गत 249 दुकानदारों को अस्थाई लाइसेंस जारी किया है। कुल 276 व्यापारियों ने आवेदन किए थे। इनमें से 9 को निरस्त किया और 18 पर फिर से विचार किया जा रहा है।
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इसके लिए जिला प्रशासन ने पुलिस से रिपोर्ट मिलने पर यह लाइसेंस जारी किए। बता दें कि इन दुकानों पर केवल ग्रीन आतिशबाजी (पटाखों) की बिक्री होगी। बता दें कि आवेदन पत्र सोमवार 2 सितंबर से शुक्रवार 6 सितम्बर तक आमंत्रित किए गए थे।
केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी
ये हैं नियम
- जन सुरक्षा की दृष्टि से विस्फोटक सामग्री या विस्फोटक पदार्थ की एक दुकान से दूसरी दुकान से दुकान के मध्य की दूरी कम से कम 15 मीटर होना चाहिए।
- दुकान पर अग्निशमन यंत्र, बालू से भरे कट्टे, पानी की बाल्टियां और वाटर स्टोरेज होना चाहिए।
- दुकान ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके पक्की दुकान में बिजली के वायर और उपकरणों की फिटिंग भी सही होनी चाहिए।
- एनजीटी के आदेश के तहत ग्रीन पटाखों की बिक्री ही की जा सकती है।
आग लगने पर यहां करें कॉन्टेक्ट
- यदि कहीं आगजनी की घटना होती है तो अग्निशमन कार्यालय के कंट्रोल रूम के 0145- 2420455, 2429000, 101 पर संपर्क कर सकते हैं।
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे
सुप्रीम कोर्ट ने तय सीमा में आवाज और धुएं वाले पटाखों को ही ग्रीन यानी इको फ्रेंडली पटाखा माना है। ग्रीन पटाखे देखने, जलने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह होते हैं। लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। इनमें नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की कम मात्रा इस्तेमाल होती है। सामान्य पटाखों की तुलना में इन्हें जलाने पर 40 से 50 प्रतिशत तक कम हानिकारक गैस पैदा होती है। ग्रीन पटाखों से प्रदूषण अन्य सामान्य पटाखों की तुलना में कम होता है। ग्रीन पटाखों से अन्य पटाखों ग्रीन श्रेणी में आने वाले पटाखों के लिए उत्पादक को एक सर्टिफिकेट नीरी द्वारा दिया जाता है।
ऐसे होगी ग्रीन पटाखों की पहचान
पटाखों के डिब्बों पर नीरी का हरे रंग का लोगो एवं क्यू आर कोड होता है, जिसे स्केन कर ग्रीन पटाखों की पहचान की जा सकती है। सामान्य पटाखों के जलने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलती है। जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह होती है। बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए सामान्य पटाखे हानिकारक होते हैं।
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