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मैनेजर नेहा विजयवर्गीय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
भोपाल में जनरल इंश्योरेंस कंपनी की मैनेजर नेहा विजयवर्गीय की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शार्ट पीएम रिपोर्ट में सस्पेक्टेड पॉइजन से मौत होने की पुष्टि हुई है। परिजनों ने मकान मालिक पर हत्या के आरोप लगाए हैं। मृतका की मां ने वीडियो जारी कर कहा है कि ब
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इसके बाद दैनिक भास्कर बंगला नंबर डी-137 तक पहुंचा। यहां मकान मालिक बृजेंद्र कुमार तिवारी से उन पर लगे आरोपों पर बातचीत की। कहा कि आखिरी बार वह उल्टियां करते हुए घर लौटी थी। वह 2-2 दिन तक कमरे में ही रहती थी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
नेहा के परिजनों का कहना है कि 11 साल से अलग रहने के बावजूद वो तनाव में नहीं रहती थी।
राजगढ़ की रहने वाली थी नेहा विजयवर्गीय
नेहा विजयवर्गीय (36) मूलतः राजगढ़ की रहने वाली थी। वह भोपाल के अवधपुरी स्थित निर्मल पैलेस में बने एक मकान की दूसरी मंजिल पर किराए से रहती थी और होशंगाबाद रोड स्थित जनरल इंश्योरेंस बीमा कंपनी में मैनेजर थी। 22 अक्टूबर की रात कमरे में गई थी। 23 अक्टूबर की रात तक बाहर नहीं निकली। इसके बाद उसका शव कमरे से बरामद किया गया। पुलिस ने जब शव बरामद किया तो उसके मुंह से झाग निकला हुआ था। इसके साथ ही कमरे में उल्टी भी पड़ी थी। हालांकि, कमरे से जहर की शीशी या किसी प्रकार की गोली का कोई रैपर नहीं मिला है। वह राजगढ़ के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुनील विजयवर्गीय की भतीजी थी। चाची भी कांग्रेस नेता हैं।
मकान मालिक बोला-उसे माइग्रेन की शिकायत थी
मृतका नेहा विजयवर्गीय के मकान मालिक बृजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि नेहा ने इसी साल जनवरी महीने में उनके मकान को किराए पर लिया था। शुरू में उसकी मां भी साथ रही थी। उन्होंने ही साथ आकर मकान को फाइनल भी किया था। हमें बताया गया था नेहा अविवाहित है। बाद में उसी के एक रिश्तेदार से पता लगा कि नेहा तलाकशुदा है।
हालांकि मां के अलावा उससे घर पर कभी कोई मिलने नहीं आया। उसने कई बार माईग्रेन पेन की शिकायत की है। मंगलवार को वह हर रोज की तरह सुबह तैयार होकर ऑफिस के लिए निकली थी। शाम को लौटी तो स्वयं को बीमार बताया। उल्टियां आने की बात कही, उसके कमरे से पुलिस को उल्टी मिली भी है।
सामान्य तौर पर हमें उसके कमरे में ताक-झांक नहीं करते थे। कई बार वह दो-दो दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकलती थी। इस कारण हमने उसके कमरे में चेक नहीं किया था। उसकी मां संध्या ने कॉल नहीं उठाने की बात भैया को कॉल कर बताई। भैया बैरागढ़ में थे, उन्होंने मेरी पत्नी को कॉल कर नेहा का कमरा चेक करने की बात कही। वह कमरा देखने पहुंची तो अंदर से गेट बंद था। काफी आवाज देने पर भी गेट नहीं खुला।
तब उसने किसी तरह से खिड़की को खोला और बॉडी को जमीन पर पड़ा देख मुझे जानकारी दी। हमने पुलिस को बताया। उसकी मौत के संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है। मां ऐसे आरोप क्यों लगा रही है। इस बात की जानकारी भी हमें नहीं है। उसकी मौत का राज मोबाइल फोन से ही खुलेगा। मोबाइल को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
11 साल से पति से अलग रह रही थी नेहा
नेहा राजनीतिक परिवार से थी लेकिन आत्मनिर्भर थी और राजनीति से अलग अपना मुकाम बनाना चाहती थी। नेहा की चाची नम्रता विजयवर्गीय भी कांग्रेस नेता हैं। वहीं उसके चाचा सुनील विजयवर्गीय राजगढ़ से नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। नेहा की मां संध्या भी कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुनाव लड़ चुकी हैं। वर्तमान में महिला कांग्रेस की ब्लॉक अध्यक्ष हैं। नेहा विवाहित थी लेकिन पति से अलग रह रही थी। दोनों का तलाक हो चुका है। 11 साल से पति से अलग रह रही थी। नेहा की शादी उज्जैन में हुई थी।
मां ने मकान मालिक पर लगाया आरोप
नेहा की मां संध्या का कहना है बेटी की हत्या की आशंका है, पूरा संदेह मकान मालिक पर है। घटना से पहले बेटी से सुबह 4 बजे बात हुई थी, उसने अच्छे से बात की। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। मकान मालिक को फोन लगाकर पूछा तो वे बोले कि हम बैरागढ़ में हैं, बेटी को बोलकर दिखवाते हैं। बेटी ने बताया कि नेहा दीदी इस हालत में पड़ी हुई हैं। नेहा की मां ने कहा मकान मालिक के बेटे ने बताया था कि हमारे रूम (नेहा का कमरा) की खिड़की आसानी से खुल जाती है। पुलिस वालों के सामने घर वालों ने डंडे से दरवाजा खोल कर भी दिखाया।’
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