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देवगढ़ गांव में जांच के लिए पहुंची टीम।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार ने शुक्रवार को बंगालियों पर कारवाई के लिए दौरा किया। जैसे ही यह बात क्षेत्र में फैली कई बंगाली अस्पताल छोड़कर भाग गए। आंबापुरा से कुशलगढ़ तक कुछ ही अस्पताल खुले मिले। पिछले दिनों साधारण सभा में हुई
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल और उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राहुल डिंडोर आंबापुरा पहुंचे। यहां पर बिना नाम के एक क्लिनिक की जांच की तो पाया कि बायोमेडिकल वेस्ट की सुविधा नहीं थी। यूस वायल पाई गई। इलाज कर रहे व्यक्ति के पास कोई डिग्री नहीं थी। क्लिनिक का संचालन प्रेमचंद डोडियार के नाम से पाया गया। जबकि मौके पर विठला खराड़ी नाम से व्यक्ति मिला।पेशेंट को भेजा सरकारी अस्पतालआंबापुरा में इस अस्पताल में एक मरीज को ड्रिप चढ़ रही थी। इस पर उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राहुल डिंडोर ने स्लिप बनकर सरकारी अस्पताल भेजा। जहां पर फोन कर इलाज करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार छोटी सरवा में भी एक पेशेंट को सरकारी अस्पताल भेजा।
लबाना क्लिनिक पर होम्योपैथिक डिग्री मिली
छोटी सरवा में लबाना क्लिनिक एवं हेल्थ केयर में जांच के यहां पर चिकित्सक मनीष लबाना के पास होम्योपैथिक डिग्री थी। लेकिन वहा दवा एलोपैथिक मिली। यहां पूर्ण रूप से एलोपैथिक से ही जांच की जा रही थी।इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने फटकार लगाई। यहां पर दवाईयों के सैंपल भी लिए। यहां इलाज के लिए तीन बेड मिले। हालांकि होम्योपैथिक डिग्री भी हार्ड कॉपी में नहीं मिली, जिस पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बंगाली बोला, अभी ग्राहकी शुरू नहीं हुई
छोटी सरवा में बंगाली परितोष बिस्वास के यहां छापा मारा। वह बोला कि पश्चिम बंगाल का रहने वाला हूं। और पांच दिन से ही अस्पताल खोला है। अभी तो ग्राहकी शुरू भी नहीं हुई हूं। इस पर अस्पताल मौके पर ही सील कर दिया हैं। इसी प्रकार पाड़ला सज्जनगढ़ में कांतिलाल नाम का व्यक्ति प्रकृति के नाम से क्लिनिक चला रहा था। हालांकि वह नर्सिंग कर्मी पाया गया। उसे डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
मां आशीर्वाद अस्पताल बंद, लेकिन मेडिकल खुला मिला
आंबापुरा में मां आशीर्वाद अस्पताल भी देखा। यहां पर अस्पताल बंद मिला, लेकिन मेडिकल खुला था। जहां पर लेब टेक्नीशियन मिला। किसी भी प्रकार की फार्मेसी की डिग्री नहीं थी ना ही मेडिकल संचालन का प्रमाण पत्र नहीं मिला। इस पर मौके पर ही ड्रग इंस्पेक्टर को कॉल कर कारवाई करने के निर्देश दिए।
सरकारी अस्पतालों को भी जांचा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार और उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राहुल डिंडोर ने सरकारी अस्पतालों को भी देखा। इस दौरान पाटन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और छोटी सरवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन देखा। कालिंजर में भी नए बन रहे भवन को देखा। इस दौरान डीपीसी हरिकांत शर्मा, आईईसी अमित शाह भी मौजूद रहे।
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