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नई दिल्ली: तुर्की वह देश है, जिसने पाकिस्तान के साथ खूब यारी निभाई. कश्मीर मसला हो या आतंकवाद… कभी भी उसने अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का साथ नहीं छोड़ा. हर मौके पर भारत के खिलाफ उसने पाकिस्तान का ही साथ दिया. भारत जब भी इंटरनेशनल मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की पोल खोलता, तुर्की झट से उसके साथ मैदान में उतर जाता. तुर्रा यह कि वह कश्मीर मसले पर अक्सर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाकर जहर उगलता. मगर अब तुर्की को आतंकवाद के जख्म का अहसास हो गया है. आतंकवाद का दर्द कैसा होता है, एर्दोगन को उस वक्त याद आया जब बुधवार को 26/11 मुंबई अटैक जैसे आतंकी हमले से तुर्की की राजधानी अंकारा दहल उठी.
तुर्की की राजधानी अंकारा में बुधवार को सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी पर घातक आतंकी हमला हुआ. इस आतंकी हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं. आतंकियों ने सरेआम गोलीबारी से अंकारा को दहला दिया. तुर्की ने इस आतंकी हमले के पीछे कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का हाथ बताया. इसके बाद तुर्की ने तुरंत बदला लिया और सीरिया-इराक में मौजूद कुर्दिश आतंकियों के ठिकानों पर बमबारी की और उसे तबाह कर दिया. तुर्की में आतंकियों ने विस्फोटकों से हमला किया था और सरेआम गोलियां चलाई थीं.
एर्दोगन को हो गया होगा जख्म का अहसास
अंकारा में हुए इस आतंकी हमले की वजह से एर्दोगन को भागा-भागा तुर्की वापस आना पड़ा. वह ब्रिक्स समिट के लिए रूस के शहर कजान में थे. आतंकियों ने अंकारा में किस तरह कत्लेआम मचाया, उससे एर्दोगन ही नहीं, पूरी दुनिया सहम उठी. जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए. यह उस तुर्की के घर पर आतंकियों का हमला हुआ, जो आतंकवाद पर कभी भी स्टैंड नहीं लेता. अव्वल तो वह हमेशा आतंकियों और आतंकियों के आकाओं को बचाने की फिराक में रहता है. मगर अब एर्दोगन को आतंकियों के जख्म का स्वाद मिल गया होगा. उन्हें भी समझ आ गया होगा कि आतंकवाद के लिए कोई अपना और पराया नहीं होता. जब गोलियां चलती है और बमबारी होती है तो वह अपना-पराया नहीं देखता.
पाक संग यारी, तुर्की निभाता रहा वफादारी
तुर्की और पाकिस्तानी की यारी से सभी वाकिफ हैं. भारत जब भी पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरता, तुर्की तुरंत उसके बचाव में उतर जाता. इंटरनेशनल मंचों पर भी वह अपने यार का ही साथ देता रहा है. आतंकवाद का मसला हो या कश्मीर का, तुर्की ने हमेशा ही पाकिस्तान का ही साथ दिया है. एर्दोगन कश्मीर मसले पर भारत के खिलाफ जहर भी उगलते रहे हैं. यही वजह है कि भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को एक होने का आह्वान करता रहा है. ब्रिक्स समिट में भी पीएम मोदी ने आतंकवाद पर प्रहार किया था. तुर्की क्योंकि ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है, ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि तुर्की को शायद अक्ल आएगी.
Tags: ISIS terrorists, Pakistan news, World news
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 06:34 IST
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