[ad_1]
नई दिल्ली: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पर कुर्सी का भूत सवार हो चुका है. वह कुर्सी के मोह में अंधे हो गए हैं. उन्हें न देश की परवाह है और न अपनों की. पहले जस्टिन ट्रूडो ने अपनी सरकार बचाने के लिए भारत से पंगा लिया. अब वह अपनी पार्टी के सांसदों को जूते की नोंक पर रख रहे हैं. भरी सभा में बेइज्जती हुई, लिबरल सांसदों के ताने सुनकर भावुक हुए और आंखें नम हुईं, मगर अब भी उनकी थेथरई खत्म नहीं हो रही है. उन्होंने अब साफ कह दिया है कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगे और लिबरल पार्टी का नेतृत्व करेंगे. जस्टिन ट्रूडो ने यह हट भरा फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब उनकी लोकप्रियता रसातल में जाती दिख रही है.
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को कहा कि वो अगले चुनाव में भी अपनी लिबरल पार्टी का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने अपनी पार्टी के कुछ सदस्यों के उस अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उनसे चौथी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा गया था. जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को संसद के अपने लिबरल सदस्यों के साथ तीन घंटे तक बैठक की थी. इस बैठक में उन्हें खूब ताने सुनाए गए थे. लिबरल सांसदों ने उन्हें चुनाव न लड़ने को कहा था और इस्तीफा देने का अल्टीमेटम भी दिया. इस दौरान जस्टिन ट्रूडो भावुक हो गए थे. नम आखों से वह अपने तीन बच्चों की दुहाई देने लगे थे. इसके बाद लिबरल सासंदों ने उन्हें 28 अक्टूबर तक का मौका दिया.
जस्टिन ट्रूडो ने दिखाया असली रंग
मगर जैसे ही मीटिंग खत्म हुई, जस्टिन ट्रूडो ने अपना असली रंग दिखा दिया. जस्टिन ट्रूडो ने साफ कर दिया है कि वह न तो इस्तीफा देंगे और न ही चुनाव से पीछे हटेंगे. बढ़ते दबाव के बीच उन्होंने संकल्प लिया है कि वह आगामी चुनावों में अपनी लिबरल पार्टी को जीत दिलाएंगे. ट्रूडो ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि उनकी पार्टी के कुछ सदस्य उन्हें फिर से चुनाव न लड़ने के लिए कह रहे हैं. ट्रूडो का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में उनकी लोकप्रियता घट रही है. उनकी अपनी लिबरल पार्टी के 20 से अधिक सांसदों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उन्हें अगला चुनाव लड़ने से पहले पद छोड़ने के लिए कहा गया है.
कीर्तिमान स्थापित करने की सनक
जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि आगे का रास्ता क्या होगा, इस बारे में पार्टी के भीतर गंभीर बातचीत चल रही है, मगर यह सब कुच मेरे नेतृत्व में ही होगा. मैं अगला चुनाव लड़ूंगा. जस्टिन ट्रूडो पिछले 9 सालों से सत्ता में हैं. कनाडा के इतिहास में पिछले एक सदी से भी अधिक समय में कोई भी कनाडाई प्रधानमंत्री लगातार चार बार चुनाव नहीं जीता है. जस्टिन ट्रूडो अपने नाम यह कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं. मगर सर्वे के नतीजे उनके पक्ष में जाते नहीं दिख रहे हैं. उनकी लोकप्रियता लगातार घट रही है. भारत से पंगा लेना भी उन्हें महंगा पड़ रहा है. विपक्षी तो विपक्षी उनके अपने सांसद भी भारत के साथ रिश्ते बिगड़ने को लेकर ट्रूडो की आलोचना कर रहे हैं.
कब है कनाडा में चुनाव
ट्रूडो को पद छोड़ने के लिए कहने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लिबरल सांसदों में से एक सीन केसी ने कहा कि वो निराश हैं कि ट्रूडो ने इस पर विचार करने के लिए समय नहीं निकाला. लेकिन अब वो इस मामले को खत्म मानते हैं और आगे बढ़ रहे हैं. केसी ने कहा कि ट्रूडो ने उनकी बात तो सुनी लेकिन वो सहमत नहीं हुए. कनाडा में संघीय चुनाव इस साल के अंत या अगले साल अक्टूबर के बीच कभी भी हो सकता है. लिबरल पार्टी को संसद में कम से कम एक बड़े दल के समर्थन पर निर्भर रहना होगा, क्योंकि उनके पास खुद बहुमत नहीं है. ऐसे में जस्टिन ट्रूडो के सामने मुसीबत का पहाड़ है.
Tags: Canada, Canada News, Justin Trudeau, World news
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 07:54 IST
[ad_2]
Source link