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अजमेर घूघरा स्थित कारागार प्रशिक्षण संस्थान (जेटीआई) में ‘नये आपराधिक कानूनों’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को सफल समापन हुआ। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में 24 प्रतिभागी शामिल हुए, जो जेल प्रहरी
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समापन समारोह के मुख्य अतिथि उप महानिरीक्षक कारागार रेंज अजमेर-कोटा-उदयपुर कैलाश त्रिवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ट्रेनिंग एक निरंतर प्रक्रिया है, और जो व्यक्ति इसे अपनी आदत बना लेते हैं, वही अच्छे प्रोफेशनल्स बनते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे आधुनिक तकनीकों और सॉफ्टवेयर ऐप्स जैसे ‘संकलन’, ‘ई-साक्ष्य’ और ‘ई-प्रिजन्स’ का प्रयोग कर आपराधिक न्याय प्रणाली की गहन समझ विकसित करें।
कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के प्राचार्य पारसमल जांगिड ने बताया कि यह कार्यशाला महानिदेशक पुलिस (जेल) राजेश निर्वाण के प्रयास से आयोजित की गई थी और इसका उद्देश्य जेल अधिकारियों को नये आपराधिक कानूनों के प्रति संवेदनशील बनाना था।
दिनभर के चार सत्रों में महेंद्र कुमार ढाबी (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर), हर्ष ईनानिया (सहायक प्रोफेसर), जेल अधीक्षक जयपुर राकेश मोहन शर्मा, और जेल अधीक्षक बीकानेर सुमन मालीवाल ने प्रतिभागियों को विभिन्न कानूनी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन कोर्स कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार शर्मा ने किया। समापन समारोह में डीआईजी त्रिवेदी के साथ-साथ जयपुर और बीकानेर के जेल अधीक्षकों ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए।
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