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नई दिल्ली: भारत से पंगा लेना अब मालदीव के मोहम्मद मुइज्जू को बड़ा महंगा पड़ रहा है. भारत को आंख दिखाने वाले मालदीव की हालत अब पतली हो गई है. तंगहाली की नौबत यह है कि मोहम्मद मुइज्जू के पास सैलरी देने के भी पैसे नहीं हैं. यही वजह है कि उन्हें अपनी सैलरी भी कम करनी पड़ी है. जी हां. मालदीव अभी नकदी संकट से जूझ रहा है. इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने अपनी सैलरी में 50% की कटौती का ऐलान किया है.
दरअसल, जब से चीन के गोद में बैठकर मालदीव ने भारत से पंगा लिया है, तब से ही उसकी हालत पतली हो चली है. भारत संग विवाद का असर उसके टूरिज्म पर पड़ा है. टूरिज्म मालदीव के लिए पैसे का सबसे बड़ा सोर्स है. पर्यटन के लिहाज से मशहूर मालदीव में कर्ज के संकट को रोकने के लिए सरकार ने कमर कसने का फैसला किया है. इसके तहत सरकारी नौकरियों में सैलरी में कटौती की जाएगी. मोहम्मद मुइज्जू के ऑफिस ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू खुद सबसे ज्यादा सैलरी में कटौती करेंगे. ज्यादातर सरकारी नौकरियों में अनिवार्य रूप से 10% सैलरी कटौती की जा रही है.
मुइज्जू की सैलरी कितनी कटी?
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सालाना सैलरी अगले साल से घटाकर 600,000 रुफिया (39,087 डॉलर यानी 32,86,176 रुपए) कर दी जाएगी. अभी मोहम्मद मुइज्जू की सैरली 1.2 मिलियन रुफिया यानी 65,68,233 रुपए है. हालांकि, यह रकम अब भी मालदीव की औसत घरेलू आय 316,740 रुफिया (17,33,685 रुपए) से लगभग दोगुनी है. 2016 की जनगणना के अनुसार यह आंकड़ा सामने आया था.
अब जज-सांसद की बारी
रिपोर्ट की मानें तो मुइज्जू सरकार ने अभी तक जजों और सांसदों को सैलरी में कटौती से छूट दी है. मगर मुइज्जू के ऑफिस का कहना है कि वे स्वेछा से सैलरी में कटौती करवा सकते हैं. मालदीव के राष्ट्रपति को उम्मीद है कि मालदीव के जज और सासंद अपनी इच्छा से 10% की कटौती के लिए राजी हो जाएंगे और देश पर जो बोझ पड़ा है, उससे निपटने में अपनी भागीदारी देंगे. मालदीव के राष्ट्रपति आर्थिक बोझ कम करने की दिशा में लगातार कदम उठा रहे हैं.
मंत्रियों को भी बर्खास्त करना पड़ रहा
इससे कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने खर्च कम करने के लिए मंत्रियों सहित 225 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. बर्खास्त किए गए लोगों में सात राज्य मंत्री, 43 उप मंत्री और 178 राजनीतिक निदेशक शामिल थे. मुइज्जू के मुताबिक, इस कदम से देश को हर महीने लगभग 370,000 डॉलर की बचत होने की उम्मीद है. मालदीव ने सितंबर में कहा था कि उसकी वित्तीय परेशानियां टेंपररी हैं और वह आईएमएफ से कोई मदद नहीं लेना चाहता.
Tags: Maldives, World news
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 09:50 IST
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