[ad_1]
पंचकूला शहरी में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इस साल पंचकूला में अब तक डेंगू के 1 हजार 93 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 534 मामले केवल शहरी इलाकों से आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक
.
पंचकूला के शहरी इलाकों में सबसे अधिक 534 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद पुराना पंचकूला (184 मामले) और सूरजपुर (132 मामले) का स्थान है। पिंजौर और कालका में डेंगू के कम मामले सामने आए हैं, जिनकी संख्या क्रमश: 106 और 37 है।
क्यों बढ़ रहे डेंगू के मामले ?
शहरी इलाकों में घर-घर किए गए सर्वे और जागरूकता अभियान के दौरान सामने आया कि बढ़ते मामलों का मुख्य कारण बर्तनों के नीचे रखी प्लेटों में जमा पानी है, जो मच्छरों के प्रजनन का स्रोत बनता है। इसके अलावा, जगह-जगह फेंके गए टायर और कबाड़ भी मच्छरों की संख्या बढ़ाने में सहायक साबित हो रहे हैं।
प्रशासन की ओर से फॉगिंग अभियान
नगर निगम शहरी क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग करवा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतें यह काम संभाल रही हैं। पुलिस भी मच्छरों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चला रही है। स्वास्थ्य विभाग जरूरत पड़ने पर सेटेलाईट फॉगिंग भी करवा रहा है। साथ ही, डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पहले डेंगू के अधिक मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आते थे, लेकिन इस साल शहरी इलाकों में ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं। बारिश के कारण डेंगू की प्रवृत्ति का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है।”
शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, शहरी इलाकों में लोगों को अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई रखने की सलाह दी जा रही है, ताकि डेंगू के मच्छरों की संख्या को कम किया जा सके।
[ad_2]
Source link