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पाली के बांगड़ हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में मरीज को एनेस्थीसिया देने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई। मामले में मृतक के परिजनों ने उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में पुलिस की समझाइश के बाद परिजन शव ले गए।
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पाली के बांगड़ हॉस्पिटल चौकी के बाहर विलाप करते मृतक के परिजन।
सदर थानाप्रभारी अनिल विश्नोई ने बताया कि मुंबई निवासी शीतला प्रसाद ने मामला दर्ज करवाया कि भाई दुर्गादास मुंबई से राजस्थान घूमने आए थे। 19 अक्टूबर को पाली के बाड़सा निवासी अपने दोस्त डगलाराम और दुर्गादास प्रकाश के साथ कार से सोनाई मांझी से पाली आ रहे थे। इस दौरान हेमावास के पास अज्ञात ट्रक से कार की टक्कर हो गई। डगलाराम और दुर्गादास दोनों घायल हो गए थे। दुर्गादास के परिजन ने थाने में एक्सीडेंट का मामला दर्ज करवाया है। डगलाराम के अनुसार बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर कैलाश परिहार ने दुर्गादास के कंधे में फ्रैक्चर ठीक करने के लिए प्लेट डालने के लिए ऑपरेशन करना बताया। ओटी में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। दुर्गादास की मौत की सूचना परिजनों को दी तो मुंबई से परिजन बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचे।
पाली पहुंचे परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए ओटी के बाहर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवाया। इसके बाद परिजनों ने सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। ऑर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ कैलाश परिहार ने कहा कि दुर्गादास उनकी यूनिट में एडमिट था। ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया वालों ने मरीज को बेहोश करने का इंजेक्शन लगाया उसके बाद मरीज का ब्लड प्रेशर कम होने लगा। सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की लेकिन रिकवर नहीं होने से मरीज की मौत हो गई।
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