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हाड़ौती के साथ प्रदेश के 10 जिलों में बेटियां 5 साल तक की लीज पर बिक रही हैं। राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के दलाल अब इनका इस्तेमाल प्राॅपर्टी की तरह करने लगे हैं। इस घिनौने कृत्य के पीछे कोई और नहीं, खुद माता-पिता ही हैं। वे परिवार क
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जब तक कर्ज नहीं उतरता, तब तक इनका हर दिन शोषण एवं दुष्कर्म होता है। इस बीच अगर बच्ची भागकर वापस घर आ भी जाती है तो बेटी काे दलाल के पास छोड़ना माता-पिता की भी मजबूरी होती है। भास्कर इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि लड़कियों की सौदेबाजी प्रदेश के 10 जिलों में सर्वाधिक हैं। इनमें सवाईमाधोपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, अलवर, झालावाड़, बारां तथा जयपुर के चाकसू व जोधपुर हैं।
यहां पांच साल तक के लिए 2 से 10 लाख में बच्चियों को लीज पर दिया जा रहा है। इनमें से नाममात्र बच्चियों की तो पुलिस व सीडब्ल्यूसी की पहल पर घर वापसी हो रही है, लेकिन अधिकांश इसी दलदल में फंसकर रह जाती हैं। जो आज भी वहां से निकलने के लिए समाज के प्रतिनिधियों को पत्र लिखती हैं। इसलिए इन स्थानों पर कुंवारों को लड़कियां नहीं मिलने से इनकी संख्या भी साढ़े पांच हजार तक पहुंच गई है।
बेटियों के दर्द भरे किस्से… जो कभी उजागर नहीं हुए
8 साल की बच्ची साढ़े तीन लाख में 3 साल की लीज पर दी, हर दिन 5 से 10 बार दुष्कर्म : झालावाड़ से 8 साल की एक बच्ची काे दिसंबर 2020 में बूंदी जिले के एक गांव में साढ़े 3 लाख रुपए में लीज पर भेजा गया। यहां बच्ची को नशा देकर मारपीट की जाती थी और उसके साथ दिन में 5 से 10 बार दुष्कर्म होता था। इस बीच पिता बच्ची से मिलने आया, लेकिन खरीदार ने बच्ची से नहीं मिलवाया। बाद में दिसंबर 2021 में एक एनजीओ के सहयोग से सदर थाना पुलिस ने बच्ची को रेस्क्यू किया तो वह 6 महीने तक मेंटल ट्रोमा में रही। अब यह बच्ची सीडब्ल्यूसी बूंदी के पास है और माता-पिता के पास जाना चाहती है। इस बच्ची के पिता ने कर्ज उतारने के लिए 3 साल के लिए लीज पर दिया था।
18 लाख का कर्ज उतारने के लिए कमाई के 50 प्रतिशत पर मां ने आगरा में लीज पर दिया
बूंदी के एक गांव की नाबालिग को उसी की मां ने 13 साल की उम्र में 18 लाख का कर्जा उतारने के लिए देह व्यापार के लिए आगरा में साल 2023 में लीज पर ठेकेदार के पास भेज दिया। वहां उसकी कमाई का 50 प्रतिशत तो दलाल अपने पास रख लेता था और 50 प्रतिशत राशि उसे दे देता था। बाद में आगरा में एक एनजीओ के मार्फत मार्च 2024 में बच्ची को रेस्क्यू किया गया, बूंदी में प्रकरण सामने आया। उस समय बच्ची का हीमोग्लोबिन 5 ग्राम ही था।
घर खर्च के लिए मां ने बेटी को 3 बार लीज पर भेजा
भीलवाड़ा जिले के एक गांव से 13 साल की बच्ची को उसकी मां ने तीन बार लीज पर भेजा। सबसे पहले साल 2019 में डेढ़ लाख में ग्वालियर में एक साल के लिए, फिर सवाईमाधोपुर में एक साल और बाद में पांच लाख रुपए के लिए नागपुर में तीन साल के लिए लीज पर दे दिया। जब नागपुर पुलिस ने रेड के दौरान इस बच्ची काे पकड़ा तो उसे वहां सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द किया और फिर बच्ची यहां एक केस के सिलसिले में बूंदी पहुंची।
3 साल में 30 से अधिक केस सामने आए : CWC
सीडब्ल्यूसी बूंदी अध्यक्ष सीमी शर्मा के अनुसार तीन वर्षों के दौरान 30 बच्चियों के केस सामने आ चुके हैं, जो इस देह व्यापार में लिप्त थी। इन बच्चियों ने बताया कि इनमें से सभी पर कर्ज व पूरे परिवार की भरण पोषण की जिम्मेदारी थी। इन बालिकाओं को लीज पर देने के बाद प्रतिदिन दुष्कर्म होता था। कई बार तो यह संख्या दोगुनी तक पहुंच जाती। समिति के पास औसत 13 एफआईआर आई हैं, जिनमें उन्होंने 17 गिरफ्तारियां करवाई हैं।
शर्मनाक : बेटियों को पहली बार दलदल में धकेलने की भी बोली
सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार यहां 6 वर्ष की बच्चियाें काे भी देह व्यापार के लिए लीज पर दिया जा रहा है। कुछ बच्चियाें ने ताे यहां तक बताया है कि जब उनके साथ पहली बार दुष्कर्म हुआ ताे दलालाें ने ग्राहक से 3 लाख तक लिए। इसके अलावा कई बच्चियों के साथ तो नशे में उनके साथ अमानवीय हरकतें भी हुई हैं। बूंदी सीडब्ल्यूसी के पास जो बच्चियां पहुंची उनको नागपुर पुणे ,मुंबई, आगरा, ग्वालियर, सवाई माधोपुर, जोधपुर, झालावाड़, टोंक व जयपुर तक भेजा गया था।
समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ना चाहती हैं बच्चियां
कुछ सालों में बालिकाएं इस काम से निकल कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ना चाहती हैं। परिवार के लोग परिवार व कर्ज का वास्ता देकर उन्हें देह व्यापार में धकेल देते हैं। यहां पंच पटेल व्यवस्था हैं, वह समाज के जड़ों में बैठी हुई है कर्जदार और अधिक कर्ज में डूबते जाते हैं। शिक्षा का प्रचार ही इन्हें इस दलदल से बाहर निकलने की एकमात्र संभावना प्रतीत होती है। हालत ये है कि 100 से अधिक नाबालिक बालिकाएं बूंदी जिले में और बूंदी से बाहर देह व्यापार के दलदल में फंसी है।
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