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कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर की राष्ट्रीय स्वयंसेवा योजना इकाइयों, महाविद्यालय रेड रिबन क्लब और राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, जयपुर के स्त्री रोग प्रसूति तंत्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्तन कैंसर जागरूकता माह के उपलक्ष्य में गुरुवार को एक वि
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“कोई भी स्तन कैंसर का अकेले सामना न करे” इस थीम के तहत, इस कार्यक्रम ने सामुदायिक समर्थन, ज्ञानवर्धन और व्यवहार परिवर्तन की दिशा में कार्य किया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. मेघा मित्तल, सहायक प्रोफेसर, पीटीएसआर विभाग, जीएसी, जयपुर और डॉ. मीना मीनू बनवारी लाल, सहायक प्रोफेसर, शल्य विभाग, जीएसी, जयपुर रही। विशेषज्ञों द्वारा स्तन कैंसर जागरूकता के महत्व, स्तन कैंसर के प्रकार और बचाव पर प्रकाश डाला गया।
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर में से एक है और प्रारंभिक पहचान से जीवित रहने की दर में सुधार होता है। उन्होंने शिक्षा और जागरूकता के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। स्तन कैंसर के विभिन्न पहलुओं जैसे लक्षण, जोखिम कारक, बचाव, मैमोग्राफी और उपचार पर एक जानकारी दी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नियमित आत्म-परीक्षण के महत्व पर बल दिया और कहा कि स्वस्थ जीवन-शैली अपनाकर, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम स्तन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही कहा कि स्तन कैंसर एक शारीरिक बीमारी के साथ मानसिक और भावनात्मक संघर्ष भी है। जिसे हमें समझना और इसके प्रति जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है।
छात्राओं को शरीर के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षणों को नजर अंदाज नहीं करने और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और सही जानकारी रखने हेतु प्रेरित किया । कार्यक्रम में एक इंटर एक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र भी शामिल था। प्रतिभागियों द्वारा स्तन कैंसर से संबंधित प्रश्न पूछे गए। विशेषज्ञों ने मिथकों को दूर करते हुए, रोग के उपचार विकल्प और निवारक उपायों के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान की।
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