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कजान. आपसी भरोसा, सम्मान और संवेदनशीलता… यही वो शब्द हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कजान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहे. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार साल से जारी विवाद खत्म होने के बाद दोनों शीर्ष नेताओं की यह पहली मुलाकात थी, जहां पीएम मोदी इशारों में जिनपिंग को यह समझाने की कोशिश करते नजर आए कि आखिर पड़ोसी होने का मतलब क्या होता है?
पीएम मोदी ने कहा, “हम 5 साल बाद औपचारिक मुलाकात कर रहे हैं. हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. हम सीमा पर पिछले 4 साल में उठे मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं. सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बनी रहनी चाहिए.
यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी. चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
नवंबर 2022 में, मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित डिनर में एक-दूसरे का स्वागत किया और थोड़ी बातचीत की थी. पिछले साल अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक छोटी और अनौपचारिक बातचीत की थी.
Tags: BRICS Summit, Narendra modi, Xi jinping
FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 19:15 IST
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