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सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित टिप्पणी को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित टिप्पणी को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मामले में जारी समन को रद्द करने से इनकार करने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
इससे केजरीवाल को मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर कथित टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल और ‘आप’ सांसद संजय सिंह के कथित ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयानों को लेकर दायर मानहानि मामले में दोनों नेताओं को तलब किया था।
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी मुहैया कराने के मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के आदेश को रद्द करने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने कथित टिप्पणियों को लेकर केजरीवाल और सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की एक अलग पीठ ने इसी मामले में सह-आरोपी संजय सिंह द्वारा दायर याचिका आठ अप्रैल को खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा, ‘हमें समान रुख अपनाना होगा। उस रुख को ध्यान में रखते हुए हम वर्तमान याचिका पर विचार नहीं करना चाहेंगे। इसे खारिज किया जाता है।’
हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है और सभी विवादों पर मुकदमे की सुनवाई के दौरान फैसला लिया जा सकता है। केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पटेल इस मामले में पीड़ित पक्ष नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर बयान किसी भी तरह से मानहानिकारक था, तो भी आपराधिक मानहानि का मामला दायर करना मोदी का काम है, न कि गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का।’
विश्वविद्यालय की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत की एक अलग पीठ मामले में सिंह की याचिका आठ अप्रैल को ही खारिज कर चुकी है। मेहता ने कहा कि डिग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट द्वारा सीआईसी के आदेश को खारिज किए जाने का हवाला भी दिया।
सिंघवी ने दलील दी कि मानहानि का कोई मामला नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने केवल यह पूछा था कि यूनिवर्सिटी मोदी की डिग्री प्रकाशित क्यों नहीं कर रहा है। हालांकि, पीठ ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को सिंह और केजरीवाल की ओर से दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें मानहानि मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
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