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झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में 37 आरक्षित कोटे की हैं। राज्य में दो चरणों में होने वाले चुनाव में सत्ता की कुंजी पहले चरण की सीटें होंगी। वजह यह कि आरक्षित श्रेणी की सबसे अधिक 26 सीटों पर 13 नवंबर को पहले चरण में ही चुनाव होने हैं। इनमें 06 अनुसूचित जाति (एससी) और 20 अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सीटें हैं।
26 एसटी-एससी सीटें खोलेंगी सत्ता का द्वार
इन सीटों के मद्देनजर महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में ये आरक्षित 26 सीटें ही सरकार बनाने में निर्णायक साबित हुई थीं। आंकड़े बताते हैं कि इन सीटों में 21 गठबंधन (इंडिया) यानी झामुमो, कांग्रेस और राजद को तो पांच भाजपा के हिस्से में आई थी। इस कारण झामुमो-कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिला था। राज्य की कुल आरक्षित 37 सीटों की स्थिति पर नजर डालें तो अभी 29 इंडिया गठबंधन के पास हैं।
75 फीसदी एससी-एसटी सीटों पर चुनाव 13 नवंबर को
चूंकि, इस बार पहले चरण में ही 75 प्रतिशत एससी-एसटी सीटों पर चुनाव पड़ रहा है तो दोनों ही गठबंधन के घटक दल अपने-अपने हिस्से में आने वाली सीटों और उम्मीदवारों के चयन को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। 13 नवंबर के मतदान के साथ ही यह संकेत मिलने लगेगा कि सरकार बनाने की ओर कौन गठबंधन आगे बढ़ चुका है।
यह भी जानिए: दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन आज से
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन करने का दौर शुरू हो जाएगा। नामांकन प्रक्रिया 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चलेगी। 38 सीटों पर चुनाव होना है और 20 नवंबर को इस चरण के लिए मतदान होगा। दूसरे चरण के लिए प्रत्याशी 29 अक्तूबर तक नामांकन कर सकेंगे। 30 अक्तूबर को स्क्रूटनी होगी, जबकि एक नवंबर को नाम वापसी होगी।
20 नवंबर को इन सीटों के लिए मतदान
राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर, पौड़ेयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, जमुआ, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली और खिजरी।
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