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झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का बंटवारा फाइनल हो चुका है। भाजपा ने आजसू को 10 सीटें देने के अलावा नीतीश कुमार की जेडीयू को दो और चिराग पासवान की एलजेपी को भी एक सीट दी है।
झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का बंटवारा फाइनल हो चुका है। भाजपा ने आजसू को 10 सीटें देने के अलावा नीतीश कुमार की जेडीयू को दो और चिराग पासवान की एलजेपी को भी एक सीट दी है। अब बिहार की राजनीति के एक और खिलाड़ी और एनडीए के साथी जीतनराम मांझी ने कहा है कि उन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए था। मांझी ने कहा है कि वह कम से कम तीन सीटों के हकदार थे।
गया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जीतनराम मांझी ने कहा कि सीट नहीं मिलने के बावजूद वह एनडीए के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं और सहयोगी दलों की मदद को भी तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि झारखंड में सीट नहीं मिलने की भरपाई वह अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में करना चाहेंगे।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने झारखंड में एनडीए के सहयोगी दलों में हुए सीट बंटवारे को लेकर सवाल के जवाब में कहा, ‘बीजेपी काफी सीटों पर वहां लड़ रही है। जहां तक हम (हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा) का सवाल है, राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे हैं उसने हम बात करेंगे कि उन्होंने दवा पेश किया कि नहीं किया। अगर दावा पेश किए हैं और नहीं मिला है तो दुखद बात है। हमें कम से कम तीन सीटें मिलनी चाहिए थी। तीन सीट पर हम जीत सकते थे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब एनडीए की बात आती है, हम एनडीए के साथ हैं। हम सबकी मदद करेंगे। लेकिन इन लोगों को भी चाहिए था, ईमानदारी का तकाजा यही है था कि जब उन लोगों को सीट मिला है तो हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को भी मिलना चाहिए था। हम जब वहां गए थे तो कहा था कि हम 10 सीट लेंगे, लेकिन लगता है बात आगे नहीं बढ़ी। हम पार्टी और महागठबंधन के अनुशासित सिपाही है। हमने लोकसभा चुनाव में तीन सीटें मांगी थीं लेकिन एक मिला। हम लोग कहीं कुछ नहीं बोले। चुनाव लड़े और हमें मंत्री पद दिया। इसी तरह हमें वहां सीट नहीं मिली है तो 2025 में जब बिहार में चुनाव होगा तो पर्याप्त सीट मांगेंगे।’
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