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रेजीडेंट्स स्टाइपंड, वेतन बढ़ाने और बांड प्रोसेस खत्म करने जैसी मांगों को लेकर प्रदेशभर के रेजीडेंट्स फिर हड़ताल पर हैं। जयपुर में सीनियर डॉक्टरों ने इसका विरोध किया है। एसएमएस अस्पताल के सभी एचओडी ने रेजीडेंट्स हड़ताल को गलत बताते हुए पहली बार इनके ख
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सोमवार को हड़ताल के कारण एसएमएस, जेके लाेन, कांवटिया और गणगाैरी अस्पताल में 600 से अधिक ऑपरेशन टल गए। ओपीडी 40% और आईपीडी 70% कम रही। गंभीर हालत में लाए गए 50 मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। इसे देखते हुए जनस्वास्थ्य निदेशक ने आदेश जारी कर एसएमएस में 50 डॉक्टर लगाए हैं।
अल्टीमेटम दिया, कार्रवाई कब? एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने रेजीडेंट्स को अल्टीमेटम दिया है कि वे जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करें अन्यथा सरकार के निर्देशानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनकी मांगों को लेकर विचार किया जा रहा है और जो भी अच्छा होगा, किया जाएगा। अनावश्यक रूप से हड़ताल करना और मरीजों को परेशान करना गलत है और अब जबकि चिकित्सा मंत्री आश्वासन दे चुके हैं तो हड़ताल करना उचित नहीं है।
सीनियर डॉक्टर्स ने संभाली कमान, मरीजों को भर्ती नहीं किया
सुबह से ही सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी की कमाना संभाली। हालांकि अधिकांश विभागों में सीनियर डॉक्टर्स ने कुछ सीनियर रेजीडेंट को बुला लिया और मदद ली। लेकिन मेडिसिन, कार्डियो, न्यूरोलॉजी, आर्थो सहित अन्य किसी भी विभाग में रूटीन मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। सभी में ऐसे ही पेशेंट भर्ती किए गए जिन्हें भर्ती किया जाना जरूरी था।
10 माह में पांचवीं हड़ताल पिछले 10 माह में रेजीडेंट्स की पांचवीं हड़ताल है। इससे पहले इतनी हड़ताल कभी नहीं की गई। अब बार-बार होती हड़ताल से न केवल मरीज, बल्कि सरकार भी परेशान हैं। ऐसे में रेजीडेंट ने हड़ताल की आदत नहीं बदली तो सरकार सहित लोगों का गुस्सा फूटना तय है।
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